Loading...
- Advertisement -
HomeHimachalBaddiभारत विकास परिषद ने लगाए ईएसआई अस्पताल पर आरोप

भारत विकास परिषद ने लगाए ईएसआई अस्पताल पर आरोप

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

कहा भोले भाले उद्योगाें के कामगारों को अस्पताल में लगातार किया जा रहा प्रताड़ित

बद्दी/सचिन बेंसल: प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में स्थित भारत सरकार के ईएसआईसी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगे हैं। अस्पताल की कार्यप्रणाली को भारत विकास परिषद के सदस्यों ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। जानकारी देते हुए भारत विकास परिषद के अध्यक्ष रमन कौशल व सचिव देव व्रत यादव ने कहा कि अस्पताल में अकसर भोले भाले लोग यहां उपचार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां बैठी अस्पताल प्रबंधन व उनकी टीम मरीजों को लगातार गुमराह करने में लगी रहती है।

उपचार के हकदार मरीजों को भी किसी न किसी तकनीकी पेंच का बहाना देकर भगाया जा रहा है। ऐसे कई मामलों को लेकर भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों ने जानकारी दी। सेवानिवृत सहायक निदेशक ईएसआईसी कार्यालय देवव्रत यादव ने कहा कि काठा स्थित ईएसआईसी अस्पताल में मरीजों का सही तरीके से व्यवहार नहीं हो रहा है। भागीदार लोगों को भी उपचार के लिए अयोग्य करार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मरीज हैं, जो अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली से परेशान हैं और उनके पास शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

क्या है तकनीकी कारण :
विकास परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में उपचार को लेकर एक मामला दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है। उसमें ईएसआई इस बात को लेकर कोर्ट में गया है कि जब तक बीमित व्यक्ति के छह माह व 78 दिन का चंदा और परिवार का एक साल तक व 156 दिन का चंदा पूरा नहीं होता, वह हकदार नहीं होंगे, उन्हें तब तक इलाज नहीं दिया जाएगा। हालांकि इससे पहले हाई कोर्ट दिल्ली ईएसआईसी मुख्यालय को आदेश दे चुका है कि कोई भी बीमित व्यक्ति व उनका परिवार पहले दिन से उपचार का हकदार होगा। यह भी कहा गया है कि जब तक इस मामले में अगला आदेश नहीं आता, यह अादेश बरकरार रहेंगे। अब ऐसे में अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर मरीजों को गुमराह कर रहा है और उनक उपचार नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं अस्पताल के पास न तो उचित संख्या में चिकित्सक हैं और न ही स्टॉफ उपलब्ध है। इन सब कारणों का नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है।

हालांकि इस बारे में जब ईएसआईसी के उप चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरगीत टंटन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ मरीजों को अति वशिष्ठ बीमारियों के लिए केस टू केस आधार पर लिया जाता है। इस मामले को लेकर निर्देशों को लेकर तकनीकी तौर पर देखना जरूरी होता है और उसके बाद ही उपचार की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page