नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 6,798 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में कहा गया कि कनेक्टिविटी प्रदान करने, यात्रा को आसान बनाने, लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात को कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए ये परियोजनाएं पांच साल में पूरी की जाएंगी। जो माना जा रहा है कि भारतीय रेलवे ने बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 21 लाख लोगों को दिवाली का तोहफा दिया है।
दोनों राज्यों में दो नई रेल लाइन को मंजूरी मिली है, वो 556 गांवों के आसपास से गुजरेगी। इससे गांव वालों को किसी न किसी रूप में फायदा मिलने वाला है। जो पांच जिलों से होकर गुजरेगी. नई लाइनों से आवागमन के साथ-साथ कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लोहा, इस्पात, सीमेंट जैसी चीजों का ट्रांसपोर्ट आसानी से किया जा सकेगा।
वहीं, सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के डबलिंग से यहां के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। इससे नेपाल के साथ-साथ पूर्वोत्तर से रेल परिवहन व्यवस्था में और सुधार होगा। मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही में बेहतर होगी। क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा।