नई दिल्लीः बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। आज सुबह 6 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। जिया पिछले कई साल से सीने में इन्फेक्शन, लिवर, किडनी, डायबिटीज, गठिया और आंखों की परेशानी से जूझ रहीं थीं। उनके परिवार और पार्टी नेताओं ने निधन की पुष्टि की है।
बता दें, खालिदा 1991 से 1996 और 2001 से 2006 तक दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। वे पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं। वहीं वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख भी थी। उनके बड़े बेटे और BNP के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे थे। वे 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौटे हैं। वहीं, उनके छोटे बेटे अराफात रहमान का 2015 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
खालिदा जिया ने सोमवार (29 दिसंबर) को ही चुनावी नामांकन दाखिल किया गया था। दोपहर करीब 3 बजे पार्टी के सीनियर नेता बोगुरा-7 सीट से उनका नामांकन पत्र जमा करने डिप्टी कमिश्नर और रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर पहुंचे थे। उस समय यह साफ हो चुका था कि खालिदा जिया की तबीयत बेहद नाजुक है। वे वेंटिलेटर पर थीं। इसके बावजूद BNP ने फैसला किया कि खालिदा चुनाव लड़ेंगी।
वहीं, पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि खालिदा जिया के जाने से बांग्लादेश ने एक ऐसी नेता को खो दिया है, जिन्होंने देश के लिए लंबे समय तक काम किया और राजनीति में अहम भूमिका निभाई। शोक संदेश में कहा गया कि भारत सरकार और देश की जनता इस मुश्किल घड़ी में खालिदा जिया के परिवार और पूरे बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ी है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि साल 2015 में ढाका में खालिदा जिया के साथ हुई मुलाकात उन्हें आज भी याद है। उम्मीद है कि खालिदा जिया की सोच और उनकी राजनीतिक विरासत आने वाले समय में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को मजबूत करने में मदद करेगी।
बता दें, खालिदा जिया का जन्म 1945 में जलपाईगुड़ी में हुआ था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई दिनाजपुर मिशनरी स्कूल से की और 1960 में दिनाजपुर गर्ल्स स्कूल से मैट्रिक पास किया। उनके पिता इस्कंदर मजूमदार एक बिजनेसमैन थे और मां तैयबा मजूमदार हाउस वाइफ थीं। परिवार में वे दूसरे नंबर की संतान थीं और घर में उन्हें प्यार से ‘पुतुल’ कहा जाता था। खालिदा 1984 में वे BNP की उपाध्यक्ष बनीं और बाद में पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं।