करीब 32 परिवार हुए बेघर, करोड़ों का नुक़सान
26 परिवारों की पशुशालाएं ध्वस्त, डेढ़ सौ लोगों को घर से सुरक्षित जगह पहुंचाया, राहत एवं बचाव कार्य शुरू
ऊना/सुशील पंडित: उपमंडल बंगाणा की ग्राम पंचायत थड़ा के गांव घरवासड़ा के घयोट में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक हुई मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। लगभग 500 कनाल पहाड़ी के दहकने से यहां करीब 32 परिवार बेघर हो गए हैं। पूरी पहाड़ी खिसक कर गांव के घरों और खेतों सहित कई फीट नीचे आ गई। जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। अचानक हुए इस हादसे से 32 परिवारों के करीब डेढ़ सौ सदस्य बेघर हो गए और उन्हें अपने ही घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा।

पशुशालाएं ध्वस्त,चीखोपुकार से गूंजी वादियां, बुजुर्गो की आंखों में आंसुओं की धार
बंगाणा के इसी गांव में बारिश और भूस्खलन की वजह से 26 परिवारों की पशुशालाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। कई जगह मवेशी मलबे में दबने से बाल-बाल बचे। हालात यह रहे कि ग्रामीणों को अपने मवेशियों को रस्सियों से बांधकर पास के वृक्षों के साथ सुरक्षित करना पड़ा। वहीं प्रशासन व स्थानीय लोगों की मदद से पशुओं को सुरक्षित गौशालाओं तक पहुंचाया गया। बावजूद इसके, एक मुर्गी पालक के छह चूज़े बारिश की भेंट चढ़ गए। गांव में हर तरफ चीखोपुकार और अफरा-तफरी का माहौल रहा।

सरकारी स्कूलों व धार्मिक स्थलों में बनाए गए आश्रय स्थल
हालात की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय जिला पार्षद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा स्थानीय प्रधान गुरनाम सिंह एवं कर्मचारियों ने प्रभावित परिवारों को गांव के सरकारी स्कूलों व धार्मिक स्थलों में शिफ्ट किया। कई परिवारों को पंचायत भवन और स्थानीय धर्मशालाओं में भी ठहराया गया। इस दौरान जिला परिषद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा, पंचायत प्रधान गुरनाम सिंह, स्थानीय पटवारी और सचिव सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया। भूस्खलन और मूसलाधार बारिश के बीच ग्रामीणों को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं था। जिला पार्षद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा और पंचायत प्रधान गुरनाम सिंह ने खुद मोर्चा संभालते हुए निजी गाड़ियों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन और स्थानीय लोग लगातार जुटे रहे।

उक्त गांव प्रभावित क्षेत्र के अधिकांश मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। कई घर अब रहने लायक नहीं बचे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, उनके जीवनभर की जमा पूंजी और मेहनत से बने आशियाने पलक झपकते ही खंडहर में बदल गए। खेतीबाड़ी की जमीन, पेड़-पौधे और अन्य संपत्ति भी मलबे की चपेट में आने से पूरी तरह नष्ट हो गई है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार करोड़ों रुपये का नुक़सान हो चुका है। जिला पार्षद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा ने कहा कि यह क्षेत्र भारी आपदा की चपेट में आ चुका है। सरकार को चाहिए कि प्रभावित परिवारों की तुरंत आर्थिक मदद की जाए, ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। उन्होंने कहा कि जिन मकानों में दरारें आ चुकी हैं, वे अब पूरी तरह असुरक्षित हैं और उनमें रहना खतरे से खाली नहीं। ऐसे में प्रभावित परिवारों के लिए स्थायी पुनर्वास की व्यवस्था करना अब बेहद जरूरी है।

इस हादसे के बाद आसपास के गांवों से भी लोग मदद के लिए आगे आए। किसी ने खाने-पीने का सामान पहुंचाया तो किसी ने कंबल और कपड़े उपलब्ध कराए। महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया। प्रशासन ने क्षेत्र को संवेदनशील घोषित करते हुए चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों तक प्रभावित इलाके में कोई भी व्यक्ति अपने घरों में वापस न जाए। मौसम विभाग ने भी अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे खतरा और बढ़ सकता है।

पंचायत थहड़ा में बारिश के कारण प्रभावित परिवारों के नाम की सूची
जनकधारी चंद, तरसेम लाल,पीकी देवी पत्नी गुरबख्श सिंह, संत राम राम किशन, संजीव कुमार, जगता राम, रमेश,सुमित्रा देवी, शमशेर सिंह , प्रवीण कुमार, गंगा देवी, जसवंत सिंह, गोविंद सिंह, शशि पाल, शंकर सिंह, सुरेश कुमार, मुकेश कुमार, कुलदीप सिंह कर्मचंद सिंह, तरसेम लाल, प्रकाश चंद, इसमाईल,संजीव कुमार, निंदू राम,तरसेम लाल, प्रमोद सिंह, विनोद कुमार,बनी लाल, सुरेंद्र सिंह, नरदा सिंह,बलवंत सिंह इन परिवारों के 154 लोग बेघर हुए हैं,