बाबा नसीब सिंह थे सिद्ध बाबा गरीब नाथ (औगढ़) जी के साक्षात अवतार
ऊना/सुशील पंडित : देवभूमि हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना मुख्यालय के साथ सटे रक्कर कॉलोनी स्थित प्राचीन तपोस्थली सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी औगढ़ के परम भक्त एवं श्रद्धालुओं की मान्यता के अनुसार सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी के साक्षात अवतार बाबा नसीब सिंह जी की 104वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर मंदिर की अधिष्ठाता माता शीला देवी के सानिध्य में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1919 में जन्मे बाबा नसीब सिंह पंजाब के नंगल में बीबीएमबी में नौकरी करते थे और वह बचपन से ही बाबा गरीब नाथ जी के परम भक्त थे। एक बार उन्हें सपने में सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी ने साक्षात दर्शन दिए और आदेश दिया कि हिमाचल प्रदेश के जिला उन्नाव की ग्राम पंचायत रायपुर मैदान के गांव कोलका (अंदरोली) में गोविंद सागर झील के बीच मेरा परम तप स्थल है और वह चारों ओर से विशाल जलमग्न है, वहां पर जाकर आप मेरी तपोस्थली का जीर्णोद्धार कर दीन-दुखियों की सेवा करो।
सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी के यह आदेश सुनते ही वर्ष 1979-80 में उन्होंने यहां पर आकर बाबा जी की भक्ति शुरू कर दी और दीन-दुखियों की सेवा में मग्न हो गए और जो भी दीन-दुखी जहां अपनी कोई इच्छा लेकर आता था वह तुरंत पूरी होती थी। इसके पश्चात वर्ष 1984 में उन्हें पता चला कि बंगाणा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत पलाहटा के गहरा-कोठी में सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी की अलौकिक पहाड़ियों के बीच तपोस्थली विराजमान है, उन्होंने उस और रुख किया और पाया कि विशालकाय घनघोर जंगलों की पहाड़ियों के बीच बाबा जी की अलौकिक तपोस्थली विराजमान है। उन्होंने तुरंत सभी बाबा जी के भक्तों को साथ लेकर यहां पर साफ सफाई का कार्य आरंभ किया।
उसके पश्चात धीरे-धीरे मुख्य मार्ग थाना कलां से उक्त गांव तक कच्चा रास्ता बनवाया। ऐसे में यहां पर हर शनिवार हजारों की तादाद में श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर नतमस्तक होने लगे और जो भी दुखी दिल से आता था वह कुछ ही दिनों में खुशी से लौटकर जाता था। वह यहां पर वर्ष 1998 तक गद्दी आसीन रहे और कुछ लोगों के बीच में आने के बाद वह निरंतर गोविंद सागर झील के बीच अपनी चौकी लगाने लगे। इस बीच उन्होंने जिला मुख्यालय स्थित रक्कड़ कॉलोनी में भी सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी के मंदिर का पुनः निर्माण किया और तब से लेकर अब तक यहां योगी दीन-दुखी अपनी मन्नत लेकर आता है, वह बाबा जी द्वारा पूरी की जाती है, ऐसा श्रद्धालुओं का मानना है।
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