राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज बोले, भगवान विष्णु जी चलाएं सुदर्शन चक्र, हो आतंकवाद का समूल नाश
ऊना/सुशील पंडित: उपमंडल बंगाणा की कामधेनू गौशाला थानाखास में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने एक भावुक और प्रेरणादायक प्रवचन देते हुए आतंकवाद के समूल नाश के लिए प्रभु से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब भगवान विष्णु स्वयं अपना सुदर्शन चक्र चलाएं और आतंकियों का संहार करें। कथा समापन अवसर पर बाबा बाल जी महाराज ने सैकंडों श्रद्धालुओं में प्रवचन करते हुए कहा कि हमारा किसी धर्म जाति या समाज से कोई गिला नहीं है। हमारी पीड़ा केवल आतंकवाद और आतंकवादियों से है।
जब तक आतंकवाद का अंत नहीं होगा, तब तक सनातन धर्म, हमारे साधु-संत, हमारे मंदिर और हमारी संस्कृति सुरक्षित नहीं रह सकती। उन्होंने श्री ठाकुर जी के श्री चरणों में प्रार्थना की, कि प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री एवं भारतीय सेना को इतनी शक्ति प्रदान करें कि वह आतंकवाद की जड़ें पूरी तरह उखाड़ सके। बाबा जी ने भावपूर्ण शब्दों में कहा कि हे ठाकुर जी हे मेरे भगवान श्रीकृष्ण जी आप ही भारत माता के रक्षक बनो। सुदर्शन चक्र चलाओ और इस धरती से अधर्म का विनाश करो। बाबा बाल जी ने सनातन धर्म के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह धर्म केवल पूजा-पाठ या कर्मकांड नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।
जब तक इसमें बाधाएं उत्पन्न करने वाले तत्व सक्रिय हैं, तब तक राष्ट्र की आत्मा असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यदि साधु-संत, गौशालाएं, मंदिर और धर्मस्थल असुरक्षित होंगे तो भारत की आत्मा कांप उठेगी। आज जरूरत है एकजुट होकर सनातन संस्कृति की रक्षा की। इस मौके पर कथा व्यास आचार्य शिव कुमार शास्त्री,पंडित रमेश शास्त्री,जिला पार्षद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा के अलावा बड़ी संख्या में गणमान्य मौजूद रहे।
बाबा बाल जी ने गौशाला थानाखास को दिया एक लाख का सहयोग
बाबा बाल जी महाराज ने कामधेनु गौशाला की सेवा और वहां के कार्यों से प्रसन्न होकर एक लाख रुपये का सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि गौ सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। गौ माता के संरक्षण से ही देश की आत्मा सुरक्षित रहती है। गौशाला के ट्रस्टी और ग्रामवासियों ने बाबा जी के इस सहयोग और उपदेश के लिए उनका आभार जताया और कहा कि इस प्रेरणा से वह और भी उत्साहपूर्वक गौसेवा करेंगे। श्रीमद्भागवत कथा के समापन दिवस पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। बाबा बाल जी महाराज के प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। उनके एक-एक शब्द में जहां राष्ट्र की सुरक्षा की चिंता थी, वहीं भगवान के प्रति असीम भक्ति भी झलक रही थी।श्रद्धालुओं ने भी एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ संकल्प लिया और बाबा जी के आशीर्वाद से राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त की।
बाबा बाल जी का प्रवचन केवल धार्मिक नहीं था, बल्कि उसमें राष्ट्र और धर्म को एक सूत्र में पिरोया गया। उन्होंने कहा कि भारत भूमि केवल एक भू-भाग नहीं, यह ऋषियों की तपोभूमि है। इसकी रक्षा केवल सेना की जिम्मेदारी नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वह धर्म की रक्षा के लिए सजग रहें, चरित्रवान बनें और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें।
वहीं कार्यक्रम के आयोजकों ने बाबा बाल जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रवचनों ने न केवल धर्म की चेतना को जाग्रत किया, बल्कि सामाजिक एकता का संदेश भी दिया। बाबा बाल जी महाराज के इस प्रवचन से न केवल धार्मिक चेतना जागी, बल्कि लोगों के मन में राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भाव भी प्रबल हुआ। उनके शब्दों में एक संत का सौम्य स्वर तो था, लेकिन राष्ट्र रक्षा की चिंता भी थी। उनके वक्तव्य को सुनकर अनेक लोगों ने कहा कि ऐसे संतों की आवश्यकता आज हर गांव, हर शहर को है, जो धर्म और राष्ट्र दोनों के लिए आवाज उठाएं।