ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड द्वारा विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों के तहत मंगलवार को ऊना में उपभोक्ता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विद्युत बोर्ड ऊना के अधिशासी अभियंता ई. यशविंद्र सिंह ने विशेष रूप से शिरकत की, जबकि विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान उपभोक्ता हितों की सुरक्षा, विद्युत बचत के उपायों और आरडीएस योजना के तहत लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों की प्रणाली को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों को ऊना जिला में विद्युत सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए किए जा रहे विकास कार्यों से भी अवगत कराया।
अधिशासी अभियंता ई. यशविंद्र सिंह ने कहा कि यदि जनप्रतिनिधि और उपभोक्ता विद्यु बोर्ड के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें, तो हिमाचल प्रदेश को एक मजबूत और आत्मनिर्भर विद्युत राज्य के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में उपभोक्ताओं को कई बार अनावश्यक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि अपने घरों व संस्थानों में बढ़े हुए विद्युत लोड की जानकारी समय रहते संबंधित विद्युत उप-मंडल को दें, ताकि लोड का सही आकलन कर निर्बाध और बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
कार्यशाला में स्मार्ट मीटरों को लेकर फैली भ्रांतियों पर भी प्रकाश डाला गया। ई. यशविंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए पूरी तरह लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा फैलाई जाती है कि स्मार्ट मीटर से बिजली बिल अचानक बढ़ जाता है, जबकि वास्तविकता यह है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बिजली खपत की सटीक और पारदर्शी जानकारी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर से जुड़ा मोबाइल ऐप और डिजिटल सिस्टम उपभोक्ताओं को पल-पल की बिजली खपत की जानकारी देगा, जिससे वे अपने उपयोग को नियंत्रित कर सकेंगे। इससे न केवल बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि बिजली चोरी पर भी प्रभावी रोक लगेगी। अधिशासी अभियंता ने उपभोक्ताओं से अपील की कि हीटर व गीजर का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें तथा अधिक से अधिक एलईडी बल्ब व ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग अपनाएं। उन्होंने कहा कि बिजली बचत से जहां उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ होता है, वहीं प्रदेश की विद्युत व्यवस्था भी मजबूत होती है।