नई दिल्ली: बोंडी बीच पर हुए हमले के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज ने यहूदी समुदाय के लोगों से माफी मांग ली है। उनका कहना है कि वो इस घटना के प्रति गहरी जिम्मेदारी महसूस करते हैं। उन्होंने यह वादा किया है कि उनकी सरकार कभी भी आतंकियों को ऑस्ट्रेलियाई समाज को बांटने नहीं देगी। बता दें कि 14 दिसंबर को बोंडी बीच पर हनुक्का नाम का त्योहार मना रहे यहूदी समुदाय पर दो बाप बेटे ने फायरिंग की थी। इस फायरिंग में 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल भी हुए थे।
इजरायली राष्ट्रपति के आरोपों का दिया जवाब
रिपोर्ट्स की मानें तो अल्बनीज ने इसके साथ ही इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू के आरोपों का भी जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता देने से इस घटना का कोई भी लिंक नहीं है। नेतन्याहू ने 15 दिसंबर को एक बयान में यह कहा था कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने एंटी सेमिटिज्म को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया है। फिलिस्तीन को मान्यता देकर आतंकवाद को इनाम दिया गया है जिसके कारण यह हमला हुआ।
फिलिस्तीन का हमले से कोई लिंक नहीं
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने सितंबर में फिलिस्तीन को एक देश के रुप में मान्यता दी थी। यह दो राज्य समाधान, गाजा में युद्धविराम और हमास के द्वारा बंधकों को रिहा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा था। नेतन्याहू ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की नीतियां कमजोर हैं। ऐसे में आज पीएम अल्बनीज ने इन सभी आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वो ऐसी किसी भी बात से इत्तेफाक नहीं रखते। फिलिस्तीन को मान्यता देने से हमले का कोई भी लेना देना नहीं है।
हमले में आईएसआईएस लोग थे शामिल
आगे पीएम ने कहा कि – ‘इस हमले में आईएसआईएस के लोग भी मौजूद थे। हम जानते हैं कि आईएसआईएस एक विचारधारा है। यह इस्लाम का एक विकृत रुप है जिसको मूल तौर पर किसी भी राष्ट्र की मान्यता से कोई भी लेना-देना नहीं है। यह एक खिलाफत चाहता है। यह एक चरमपंथी विचारधारा है जो अपने लक्ष्य के रुप में एक खिलाफत चाहती है। अब इसका सबूत है जिसमें से कुछ निश्चित रुप से अभी तक सार्वजनिक नहीं है। पीएम ने कहा कि – ‘मैं उन जांचों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता लेकिन यह बहुत साफ है कि यह यहूदी समुदाय के विरोध है’।