कैसे बने प्रशासनिक अधिकारी
ऊना/सुशील पंडित : अटल बिहारी वाजपेई राजकीय महाविद्यालय बंगाणा एनएसएस का विशेष शिविर का चौथे दिन की शुरुआत एक्सरसाइज और परेड से शुरू हुई। इसके बाद पहले सेशन में मतदान जागरूकता और करियर गाइडेंस के संदर्भ में कैसे बने एक प्रशासनिक अधिकारी। कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर कम रिसोर्स पर्सन एसडीएम बंगाणा चिराग शर्मा ने बोटिंग अवरनेस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मतदान एकमात्र ऐसा साधन है जिससे देश की जनता स्वयं अपने देश का विकास निर्धारित कर सकती है। मत देने की शक्ति से वह अपने देश की बागडोर संभालने के लिए उनकी नजर में योग्य व्यक्ति को खुद चुन सकते हैं।
इस के बाद उन्होंने कैसे बने एक प्रशासनिक अधिकारी पर कहा कि उन्होंने कहा कि बहुत से विद्यार्थियों का सपना होता है कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करे। इसके लिए हर साल लाखों अभ्यर्थी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देते हैं, लेकिन कुछ ही लोग इस परीक्षा को अच्छे रैंक से पास करके आईएएस ऑफिसर बन पाते हैं। आईएएस सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है।लेकिन परीक्षा की कठिनाई को देखकर डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सही रणनीति के साथ पूरी लगन से इस परीक्षा की तैयारी में लग जाना है। इसके लिए सही प्रकार की रणनीति, रेगुलर एनसीईआरटी की बुक, न्यूज़पेपर और मैगजीन पढ़ना चाहिए।
एनएसएस के दूसरे सत्र में डिजिटल इंडिया और ई बैंकिंग पर एक लैक्चर रखा गया। लैक्चर के मुख्य वक्ता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर विवेक कुमार ने कहा कि डिजिटल इंडिया इस देश को डिजिटल रूप से सशक्त देश बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान है। इस अभियान को शुरू करने का उद्देश्य कागजी कार्रवाई को कम करके भारतीय नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक सरकारी सेवाएं प्रदान करना है। डिजिटल इंडिया से कार्य में तेजी आई है।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सतिंदर कुमार शर्मा, एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर प्रोफेसर सिकंदर नेगी, प्रोफैसर कृष्ण , प्रोफैसर संजय शर्मा और एनएसएस कैप्टन अक्षय शर्मा आदि मौजूद थे।
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