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पंजाब में शुरू हुआ एशिया का सबसे बड़ा CBG Plant

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चंडीगढ़ः पंजाब के संगरूर जिले में एशिया का सबसे बड़ा संपीड़ित बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्र चालू किया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि 33.23 टन सीबीजी प्रतिदिन की कुल क्षमता वाले इस प्लांट को भूतल कलां (संगरूर) गांव में अप्रैल, 2022 में चालू कर दिया गया है। इस संयंत्र से सीबीजी का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है, जिसकी आपूर्ति इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के आउटलेट को की जा रही है। इसके अलावा, पेडा ने पराली के स्थायी और टिकाऊ समाधान के लिए धान के भूसे और अन्य कृषि अपशिष्ट के आधार पर प्रति दिन 492.58 टन की कुल क्षमता के साथ 42 और सीबीजी परियोजनाओं को भी आवंटित किया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। 

कैबिनेट मंत्री अरोड़ा ने कहा कि इन परियोजनाओं से करीब 1200 करोड़ रुपये के निजी निवेश की उम्मीद है। इसके अलावा 8000 कुशल/अकुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगेेेे। इन परियोजनाओं से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा और कृषि अपशिष्ट से किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। पेडा के मुख्य कार्यकारी सुमित जारंगल ने कहा कि दो और संयंत्रों की कुल क्षमता 14.25 टन सीबीजी प्रतिदिन 2022-23 में पूरा होने की संभावना है और बाकी परियोजनाओं के अगले तीन वर्षों में चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं से प्रतिदिन 492.58 टन सीबीजी का उत्पादन होगा और सालाना लगभग 16.5 लाख टन धान की पराली की खपत होगी।

इसके अलावा, इन सीबीजी संयंत्रों में उत्पादित जैविक खाद का उपयोग जैविक खेती के लिए किया जाएगा, जिससे स्थानीय सहायक उद्योगों को फलने-फूलने में मदद मिलेगी। अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में कृषि कचरे पर आधारित सीबीजी परियोजनाओं की अपार संभावनाएं हैं और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने बठिंडा जिले में धान की पराली और अन्य कृषि कचरे के आधार पर प्रति दिन 100 केएल लॉन्च किया है। 2जी एथेनॉल क्षमता वाला एक प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है, जिसे फरवरी 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना से सालाना करीब 2 लाख टन धान की पराली की खपत होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में 10 टन प्रतिदिन की क्षमता वाली लगभग 300 और परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य एनआरएसई को मंजूरी दे दी है। NITI-2012 के तहत, स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के अलावा, CLU और ईडीसी इन्वेस्ट पंजाब में वन स्टॉप क्लीयरेंस सिस्टम जैसी कई सुविधाएं और रियायतें दी जा रही हैं जिनमें शुल्क से छूट भी शामिल है।

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