लुधियाना: वेस्ट उपचुनाव मे कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू को देर रात विजिलेंस ब्यूरों द्वारा तलब किया गया था। हालांकि भरत भूषण आशू ने पूछताछ में शामिल होने से इंकार कर दिया था। आशू ने कहा था कि उन्हें देर रात समन जारी हुए है। ऐसे में वह विजिलेंस के समक्ष पेश नहीं होंगे।
जिसके बाद आशू ने विजिलेंस का समन मिलने के बाद अदालत का रुख करते हुए एंटीसपेटरी बेल का आवेदन दाखिल कर दी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आशू को अंतरिम बेल प्रदान कर दी है। इससे पहले आज सरकार द्वारा लुधियाना के एसएसपी विजिलेंस जगतप्रीत को ससपेंड कर दिया गया।
बता दें कि लुधियाना इकाई ने सराभा नगर में स्कूल की जमीन के दुरुपयोग से जुड़े 2,400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में आशू को तलब किया था। बताया जा रहा हैकि यह मामला 8 जनवरी, 2025 का है, जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 5 में एफआईआर दर्ज की गई थी।
यह मामला लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआईटी) द्वारा दशकों पहले सराभा नगर में नए सीनियर सेकेंडरी स्कूल को चलाने के लिए आवंटित 4.7 एकड़ जमीन के इर्द-गिर्द घूमता है। यह भूमि केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए रियायती दर पर दी गई थी। हालांकि, जांच में पता चला कि इस भूमि के कुछ हिस्सों का अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा है।
जिसमें कई निजी प्लेवे स्कूल और व्यवसाय संचालित हो रहे हैं, स्कूल प्रबंधन कथित तौर पर भारी किराया वसूल रहा है, जो एक गंभीर उल्लंघन है। इसमें वित्तीय अनियमितताओं में 2,400 करोड़ का अनुमान है। लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआईटी) के अध्यक्ष द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद पुलिस ने इस साल 8 जनवरी को स्कूल के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। उनकी शिकायत के बाद, जांच के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद मामला सतर्कता ब्यूरो को सौंप दिया गया था