ऩई दिल्ली: क्या एप्पल भी नोकिया (Nokia) वाली गलती कर रहा है? ये सवाल अक्सर कई बार लोग आपस में या फिर टेक्नोलॉजी के जानकारों के साथ बात करते हुए दिखते हैं। इसका कारण है एआई। एक समय था जब दुनियाभर में नोकिया (Nokia) के फोन्स की धमक हुआ करती थी। फिर चाहे जेम्स बॉन्ड की मूवी हो या फिर आम आदमी की पॉकेट नोकिया का फोन तो दिख ही जाता था। इसके बाद मार्केट में आईओएस पर काम करने वाले आईफोन और गूगल के एंड्रोएड की एंट्री हुई। नोकिया लंबे समय तक Symbian OS पर बेस्ड अपने फोन्स को लॉन्च करता रहा। जहां दूसरी कंपनियां Android पर जा चुकी थी वहीं नोकिया अपने ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही अड़ा था। इसका नतीजा यह हुआ कि जब तक नोकिया एंड्रॉयड पर पहुंचा तो दुनिया उसको भुला चुकी थी।
क्या एप्पल भी नोकिया वाला गलती दोहरा रहा है
अब यहां सवाल यह आता है कि क्या एप्पल भी नोकिया वाली ही गलती कर रहा है। ये सवाल इसलिए आता है क्योंकि एआई से इंटीग्रेशन तेजी से बढ़ रही है। तमाम स्मार्टफोन्स गूगल Gemini के साथ आ रहे हैं। वहीं सैमसंग ने भी आगे बढ़ते हुए इंटीग्रेशन नेक्स्ट लेवल पर पहुंचा दी है लेकिन आईफोन के साथ ऐसा नहीं है।
आईफोन मेकर एप्पल अभी भी अपने एआई प्लान को लेकर कंफ्यूज ही लगता है। कम से कम लोगों के दिमाग में तो ब्रांड की ऐसी छवि बनी हुई है। वहीं Gemini का इंटीग्रेशन सैमसंग, वनप्लस और दूसरे ब्रांड्स के फॉन्स में भी हो चुका है लेकिन आईफोन में अभी भी एक मैच्योर एआई की कमी लगती है।
अधूरा लगता है Apple Intelligence
कंपनी ने Apple Intelligence तो लॉन्च कर दिया है लेकिन ये अधूरा-अधूरा ही फील होता है। ऐसा लगता है कंपनी की रेस में पिछड़ने का डर सता रहा था और ब्रांड ने इसको जल्दबाजी में लॉन्च कर दिया। Gemini कई कामों को आज भी Apple Intelligence से ज्यादा अच्छी तरह कर रहा है।
WWDC इवेंट में कंपनी ने अनाउंस किया iOS 26
हाल ही में हुए WWDC इवेंट में कंपनी ने iOS 26 अनांउस किया है लेकिन कुछ भी नया नहीं लग रहा। ज्यादातर अपडेट्स ऐसे ही थे जो एंड्रॉयड यूजर्स लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी थे जिन्हें Gemini के जरिए ही एंड्रॉयड फोन्स में जोड़ा गया था। कंपनी ने Siri को अपडेट करने के लिए 2026 का समय तय किया है।
यदि आप आईफोन पर मिल रहे एआई का इस्तेमाल करें तो ऐसा एक्सपीरियंस आपको ChatGPT के ऐप पर भी मिल जाएगा यानी की कंपनी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिससे ये लगे कि आईफोन अलग एक्सपीरियंस ऑफर कर रहा है। वहीं Android ने Google Assistant को भी Gemini से रिप्लेस कर दिया है।
पुराने आईफोन बनेंगे बड़ी चुनौती
यदि आप पेड वर्जन खरीदेंगे तो आपको कई एक्स्क्लूसिव सर्विसेज मिलेंगी। वहीं दूसरी ओर एप्पल(Apple) के सामने चुनौती मार्केट में लंबे समय तक पुराने फोन्स की मौजूदगी भी है। एप्पल इंटेलिजेंस का फीचर आपको आईफोन 15 प्रो सीरिज में मिलना शुरु हुआ है। वहीं मार्केट में अभी आईफोन 13, आईफोन 14 और आईफोन 15 सीरीज भी बिक रही है। कम प्राइस के कारण से लोगों को पुराने आईफोन मॉडल ज्यादा आकर्षित करेंगे। ऐेसे में एप्पल इटेंलिजेंस के लोगों तक पहुंच केे लिए आईफफोन 16 के सीरिज का पुराना होना जरुरी है।