भुवनेश्वर। बालेश्वर जिले के नीलगिरी रोड पर हुए मेमू ट्रेन हादसा मामले में खड़गपुर रेल मंडल ने स्टेशन मास्टर और प्वाइंटमैन को निलंबित कर दिया है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह जानकारी खड़गपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने दी। जानकारी के मुताबिक, ओडिशा के बालेश्वर जिले के वरुणसिंह नीलगिरी रोड स्टेशन की डाउन लाइन पर मंगलवार को एक बड़ा रेल हादसा टल गया। दो लोको पायलटों की सूझबूझ से भद्रक-बालेश्वर मेमू में सफर कर रहे सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया। इंटरलॉकिंग और सिग्नल सिस्टम में खराबी के कारण बहानगा में जिस प्रकार से रेल हादसा हुआ था, नीलगिरी रोड स्टेशन पर भी इसी तरह की खामियां पाई गईं। नतीजतन, ट्रेन लूप लाइन पर चली गई।
भद्रक-बालेश्वर मेमू ट्रेन सुबह 10 बजे के बाद भद्रक स्टेशन से बालेश्वर के लिए डाउन लाइन पर रवाना हुई थी। हालांकि, सोरो स्टेशन को पार करते समय यह ट्रेन करीब 40 मिनट की देरी से चल रही थी। ट्रेन को वरुणसिंह नीलगिरी रोड स्टेशन के पास सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर पहुंचना था, मगर ट्रेन 12 बजकर 2 मिनट पर पहुंची और ट्रेन दो मिनट रुकने के बाद स्टेशन से रवाना हुई। ट्रेन रफ्तार पकड़ते समय मेन लाइन पर न जाकर स्टेशन के पास लूप लाइन पर चली गई, जिसका आगे मेन लाइन से कोई संबंध नहीं था। इस दौरान ट्रेन के दो लोको पायलट को संदेह हुआ कि ट्रेन लूप लाइन पर जा रही है और आगे दुर्घटना हो सकती है, ऐसे में उन्होंने आपातकालीन ब्रेक लगा दिया। परिणाम स्वरूप ट्रेन तेज आवाज के साथ रूक गई। इससे ट्रेन में बैठे यात्री एक-दूसरे पर गिर गए।
किसी को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक क्या हो गया। डर के मारे सभी यात्री ट्रेन से उतर गए। करीबन आधे घंटे के बाद बालेश्वर से चार सदस्यीय तकनीकी टीम पहुंची और घटना की निगरानी की। इसके बाद पायलट ने ट्रेन को पीछे लेकर मेन लाइन पर ले आया। घटना के करीब 1 घंटे 20 मिनट बाद ट्रेन बालेश्वर के लिए रवाना हुई। अब इस संबंध में कार्रवाई की गई है।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.