ऊना/ सुशील पंडित : अखिल भारतीय हिमाचल सामाजिक संस्था संघ पंजीकृत का वार्षिक अधिवेशन नौणी विश्वविद्यालय सोलन में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। देश के विभिन्न भागों से 22 हिमाचली संस्थाओं के 110 प्रतिनिधियों ने इस अधिवेशन में भाग लिया। अधिवेशन की मेजबानी नौणी आदर्श ग्राम पंचायत के प्रधान मदन हिमाचली व् नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश्वर चंदेल द्वारा की गई। संघ के राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट राकेश शर्मा ने ऊना में जारी वक्तव्य में बताया कि दो दिवसीय अधिवेशन में कृषि कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया, जिसमे सभी प्रतिनिधियों को किसानों की आय को दोगुना चौगुना करने के गुर सिखाये गए। प्रथम सत्र में निदेशक विस्तार शिक्षा निदेशालय इंद्र देव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर देश की सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से विश्व विद्यालय के विभिन्न अनुसन्धान केंद्रों में ले जाकर उन्हें विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों द्वारा फलों, सब्जियों व् अन्य पौधों के संरक्षण व् दोहन के बारे में बताया गया। दुसरे दिन के समापन अधिवेशन में मुख्य अतिथि अधिष्ठाता मनीष शर्मा विशेष रूप से शामिल हुए। वैज्ञानिकों में डाक्टर नवीन शर्मा प्रमोद शर्मा व् डाक्टर गुप्ता ने भी प्रोजेक्टर द्वारा व् प्रत्यक्ष रूप में फल दार पौधों के रख रखाव व् संरक्षण पर रौशनी डाली इस अवसर पर संघ के राष्टीय अध्यक्ष के एम लाल ने कहा कि अधिवेशन में शामिल संस्थाओं के सभी प्रतिनिधि हिमाचल में कृषक भी हैं व् इस कार्यशाला से सभी लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने पहाड़ी भाषा को संबिधान कि आठवीं सूची में दर्ज करवाने, चंडीगढ़ से हिमाचल का हिस्सा दिलवाने और शानन विधुत गृह का रख रखाव प्रदेश सरकार को देने का भी प्रस्ताव रखा। दो दिन चले इस अधिवेशन में देश भर से आई हुई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपने अपने विचारों से सभी को अवगत करवाया। सभी ने एक मत से यह प्रस्ताव पास किया कि प्रदेश में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाये ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ां सुरक्षित रह सकें। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर कोई किसान किसी भी समस्या से जूझ रहा है तो वह उनकी साईट पर जाकर उनसे उचित सलाह लेकर अपनी आय दोगुनी कर सकता है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के किसानो को आत्म निर्भर बनाने, किसानो की आय दोगुनी करने, प्रदेश से नशों के समूल नाश, देहज प्रथा के उन्मूलन, पहाड़ी भाषा को सं्िरवधान की आठवीं सूची में दर्ज करने, आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाने, प्रदेश में जल्द से जल्द बुनियादी सुविधाएं देने, गाँवों की बाबडिय़ों, कुओं और तालाबों को सहेजने, शानन विधुतगृह के केस पर सरकार द्वारा नजर रखने, हिमाचली रेजिमेंट बनाने, संघ के प्रतिनिधियों को सरकार की स्थाई कमेटियों में नामित करने इत्यादि प्रस्ताव पास किये गए। इस अवसर पर नागपुर, देहरादून, करनाल, पटियाला, नंगल, अमृतसर, दिल्ली, चंडीगढ़,पालमपुर,धर्मशाला,ऊना,
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