ऊना/सुशील पंडित: प्राथमिक शिक्षक संघ जिला ऊना द्वारा आयोजित इस प्रैस वार्ता में भारतीय सेना को नमन करता हुए कहा कि जिसने अपना पराक्रम दिखाकर ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देकर पहलगाम के जघन्य हत्याकांड का बदला लिया है। भारतीय सेना को सभी प्राथमिक शिक्षकों का शत-शत नमन ।
दूसरा जैसा की सर्वविदित है कि हिमाचल शिक्षा विभाग इसके अधिकारी विशेष कर मान्य शिक्षा सचिव महोदय व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्राथमिक शिक्षा एवं शिक्षकों के हितों को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं 1984 से चले आ रहे सिस्टम से छेड़छाड़ कर एक स्कूल निदेशालय का गठन कर रहे हैं । एक ओर सिस्टम को सुचारू रूप से चलने के लिए बड़े डिवीजन बड़े डेवलपमेंट ब्लॉक को छोटी इकाइयां बना कर नये डिवीजन नए विकास खंड बनाये जा रहे हैं नई तहसीलें खोली जा रही हैं और यहां दो डायरेक्टोरेट को जोड़कर एक निदेशालय बनाया जा रहा है।
जिससे सभी कार्य देरी से होंगे ,पेंडेंसी बढेगी ।अत:प्राथमिक निदेशालय यथावत रहने दिया जाए । लगभग 25 वर्ष की सेवा के बाद एक अध्यापक मुख्य शिक्षक केंद्र मुख्य शिक्षक बनता है और बहुत से कम अध्यापक बी ई ई ओ के पद पर प्रमोट होते हैं जो अपने-अपने कार्य क्षेत्र में शिक्षण कार्य के साथ-साथ प्रशासनिक कार्य स्कूल मैनेजमेंट इंस्पेक्शन करते हैं।बी ई ई ओ पद पर बैठे अधिकारी पूरे ब्लॉक का वित्तीय प्रबंध डी डी ओ पावर इन- सपैक्शन कार्य करते हैं उनकी शक्तियों को छीनने का प्रयास इस प्रक्रिया में हो रहा है जो हमें स्वीकार नहीं है । प्राथमिक शिक्षक संघ का मानना है खेलों से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है । बचपन से अभ्यास करवाया जाता है तब जाकर बच्चा खिलाडी बनता है।
प्राथमिक बच्चों की खेलें जो 25 साल से चल रही थी, उनको बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण है प्राथमिक शिक्षक मांग करता है कि इन खेलों को चालू किया जाए । 26 अप्रैल को धरने के संबंध में यह कहना चाहता हूं की इसके लिए उचित माध्यम द्वारा अनुमति मांगी गई थी लेकिन बिना करना अनुमति नहीं दी गई । को विफल करने के लिए तरह-तरह के लेटर वार्निंग लेटर निकले गए फिर भी प्राथमिक शिक्षकों ने चौड़ा मैदान शिमला में हजारों की संख्या में एकत्रित होकर शांतिपूर्ण धरना दिया । कोई यातायात बाधित नहीं किया गया ।सरकारी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाये बिना प्राथमिक शिक्षक संघ ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगे रखीं । इस पर भी सरकार ने तानाशाही रवैया अपना कर आठ शिक्षकों को निलंबित किया गया। एक दिन का वेतन काटने जहां तक जबरी रिटायरमेंट की बात भी की गयी । सरकार के इस तानाशाही
की हम निंदा करते हैं ।निलंबित शिक्षकों को बहाल करने की मांग करते हैं । प्री प्राइमरी के बच्चों को प्राथमिक अध्यापक दो-तीन वर्ष अपने जेब से एमडीएम उपलब्ध करवाते रहे ।अब बिना एनटीटी टीचर के बच्चों को पढ़ा रहे हैं । अभिभावक अपने बच्चों को इन पाठशाला ओ से हटाकर कर प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवा रहे हैं परिणाम स्वरुप हमारे पास एनरोलमेंट कम हो रही है अतः हम मांग करते हैं कि शीघ्र नर्सरी अध्यापकों की नियुक्ति की जाए । प्राथमिक शिक्षक संघ पुरजोर मांग करता है की नर्सरी से लेकर पांचवी तक अलग से निदेशालय रखा जाए ताकि सभी कार्य सुचारू रूप से चल सके। यदि हमारी उपरोक्त मांगे सरकार द्वारा नहीं मानी गई तो आगामी दिनों में शिमला में एक विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें पूरे देश से अन्य राज्यों के शिक्षक भी भाग लेंगे जिसकी पूरी जिम्मेवारी हिमाचल सरकार और शिक्षा विभाग की होगी ।
इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षक संघ जिला ऊना के प्रधान राकेश चंद्र महासचिव सतेंद्र मिन्हास खंड जोल के प्रधान महेश शर्मा कपिल शर्मा हरोली के प्रधान विजय शर्मा गग्रेट -2 की प्रधान सुनीता शर्मा और बंगाणा से किशोरी लाल और वीरेंद्र कुमार राजेंद्र शर्मा सुनील शर्मा जगमोहन मनकोटिया उपस्थित रहे । एक शिक्षक संगठन के स्वयंभू नेता वीरेंद्र चौहान द्वारा प्राथमिक शिक्षकों के प्रति की जा रही अभद्र टिप्पणी के विरुद्ध प्राथमिक शिक्षक संघ जिला ऊना ने रोष व्यक्त किया है और उन्हें अपनी सीमा में रहकर बयान बाजी करने की चेतावनी दी है