ट्रकिंग इंडस्ट्री में 13 हजार के भारतीय ड्राइवर
जालंधर, ENS: अमेरिका के कैलेफोर्निया और फ्लोरिडा में पंजाबी ट्रक ड्राइवरों के कारण हुए सड़क हादसों के बाद अमेरिका प्रशासन सख्त हो गया है। जिसके बाद अब अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों के अंग्रेजी टेस्ट शुरु हो गए हैं। इस टेस्ट में अब तक नॉन अमेरिकी 7 हजार से ज्यादा ट्रक ड्राइवर फेल हो गए हैं। इनके लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री में इस वक्त 13 हजार ट्रक ड्राइवर इंडियन हैं। इसमें ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं। अमेरिका के ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी सीन डफी ने बताया कि 30 अक्टूबर तल चले विदेशी ट्रक ड्राइवरों के इंग्लिश टेस्ट में 7 हजार से ज्यादा ट्रक ड्राइवर फेल पाए गए हैं।
पंजाब के दो ट्रक ड्राइवरों से हुए एक्सिडेंट के बाद ट्रंप सरकार ने इंग्लिश टेस्ट जरूरी किया था। अमेरिका पुलिस का कहना है कि टेस्ट के दौरान कई ड्राइवर सही से इंग्लिश बोल नहीं पाए तो कुछ इंग्लिश में लिखे ट्रेफिक साइन के बारे में नहीं बता पाए। सीन डफी ने कहा कि रोडसाइड इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशियंसी (ELP) टेस्ट में पास न होने के कारण 7 हजार से ज्यादा नॉन अमेरिकी ड्राइवरों को आउट ऑफ सर्विस घोषित कर दिया गया है। अमेरिकी ट्रांसपोर्ट लॉ में सभी ट्रक ड्राइवरों के लिए अंग्रेजी में ट्रेफिक साइन पढ़ना और अंग्रेजी बोलना जरूरी है।
इसके बिना लाइसेंस नहीं मिलता। ट्रंप सरकार का कहना है कि ओबामा प्रशासन में इसे सीरियसली नहीं लिया गया जिससे अंग्रेजी टेस्ट में फेल ड्राइवरों को भी लाइसेंस मिल गए। अमेरिका में बढ़ रहे ट्रक हादसों के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने 25 जून, 2025 से अंग्रेजी का टेस्ट अनिवार्य कर दिया। नई पॉलिसी के तहत अब अमेरिकन पुलिस सड़क पर ही ड्राइवरों का मौके पर टेस्ट ले रही है। अंग्रेजी न बोल पाने वाले ट्रक ड्राइवरों को तुरंत ट्रक से उतार दिया जा रहा है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रक ड्राइवरों पर अंग्रेजी बोलने की शर्त का कैलिफोर्निया स्टेट ने विरोध किया था। यहां कॉमर्शियल लाइसेंस के लिए अंग्रेजी अनिवार्य नहीं है।
अंग्रेजी का टेस्ट होता है, लेकिन थोड़ी बहुत अंग्रेजी जानने वालों को यहां से लाइसेंस मिल जाता है। इस कारण अधिकतर इंडियन ड्राइवर यहीं से लाइसेंस लेते हैं। कैलिफोर्निया के ट्रंप की शर्त न मानने के बाद ट्रंप प्रशासन ने स्टेट का ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट फंड रोक दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की ट्रक चेन कंपनी के सीईओ अडालबर्टो कैम्पेरो ने कहा कि ट्रंप के इस निर्णय से लॉजिस्टिंग सेक्टर को नुकसान हो रहा है। बता दें कि 22 अक्टूबर को कैलिफोर्निया में पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले ट्रक ड्राइवर जशनप्रीत सिंह ने कई वाहनों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने ट्रक ड्राइवर जशनप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
अमेरिकी पुलिस का कहना है कि सामने ट्रैफिक जाम होने के बावजूद जशनप्रीत ने ब्रेक नहीं लगाए, क्योंकि वह नशे में धुत था। उसे सैन बर्नार्डिनो काउंटी शेरिफ विभाग की हिरासत में रखा गया है। अमेरिकी पुलिस ने जशनप्रीत के नशे में होने की बात कही थी। इस पर परिवार ने दावा किया कि जशनप्रीत अमृतधारी सिख है और किसी तरह का नशा नहीं करता है। कोई भी ड्रग नहीं लेता है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हादसा कैलिफोर्निया के I-10 फ्रीवे पर हुआ। जशनप्रीत सिंह का ट्रक अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया। ट्रक ने पहले सड़क के बीच खड़ी छोटी कारों को टक्कर मारी, फिर साइड में खड़े वाहनों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
वहीं दूसरी ओर12 अगस्त 2025 को पंजाबी ट्रक ड्राइवर हरजिंदर सिंह ने फ्लोरिडा में गलत यू-टर्न लिया, जिससे एक मिनी वैन इससे टकरा गई। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई। मौके पर ही पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद अमेरिका ने ट्रक ड्राइवरों के लिए नए वर्क वीजा जारी करने पर रोक लगा दी। हरजिंदर सिंह तरनतारन के गांव रटौल का रहने वाला है। हादसे के बाद हरजिंदर को 45 साल कैद की सजा की अफवाह उड़ी तो परिवार बेहद डर गया था। हालांकि अभी इसका ट्रायल शुरू हुआ है। फ्लोरिडा में हादसे के बाद आतंकी पन्नू ने हरजिंदर सिंह से मुलाकात की थी और परिवार के लिए 1 लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपए) की राशि देने का भी ऐलान किया था।