नई दिल्लीः आज यानी 19 अगस्त को रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। वहीं आज रात को आकाश में एक बेहतरीन नजारा देखने को मिलेगा। आज रात को चांद सबसे बड़ा और सबसे चमकीला नजर आएगा। इसे सुपर ब्लू मून Super Blue Moon कहा जाता है। खगोल विज्ञानी बताते हैं कि इस बार सुपर ब्लू मून आसमान में तीन दिन तक नजर आएगा। रक्षाबंधन पर शाम को चंद्रमा पृथ्वी के बेहद नजदीक होगा। नर्मदापुरम की विज्ञान प्रसारिका सारिका घारू बताती हैं कि चंद्रमा आज पृथ्वी से महज 3 लाख 61 हजार 969 किमी की दूरी पर रहेगा। यही कारण है कि रक्षाबंधन पर चंद्रमा अन्य पूर्णिमाओं की तुलना में ज्यादा बड़ा दिखेगा और ज्यादा चमकदार भी होगा।
सुपर ब्लू मून पर क्या चंद्रमा नीला हो जाएगा! इस सवाल पर सारिका घारू कहती हैं कि “ब्लूमून सिर्फ नाम है। इस दिन चंद्रमा का रंग बदलकर नीला नहीं होता है। चंद्रमा अन्य पूर्णिमा की ही तरह नजर आता है। खगोल वैज्ञानिक बताते हैं कि माह में जब दो पूर्णिमा या तीन माह में चार पूर्णिमा पड़ती हैं तो इसे ब्लू मून कहा जाता है। इस खगोलीय सीजन में 21 जून, 21 जुलाई, 19 अगस्त और 18 सितंबर को चार पूर्णिमा पड़ रही हैं। 19 अगस्त के सुपर मून को ब्लू मून कहा गया क्योंकि 21 जून से 22 सितंबर के खगोलीय सीजन में पड़ने वाली चार पूर्णिमाओं में से यह तीसरी पूर्णिमा का चांद होगा।
खगोलविदों के अनुसार 19 अगस्त को चंद्रमा धरती से अपनी सर्वाधिक दूरी की तुलना में करीब 41,985 किमी अधिक पास होगा। अन्य पूर्णिमा की तुलना में सावन पूर्णिमा पर आज चंद्रमा करीब 15 प्रतिशत बड़ा और करीब 30 प्रतिशत अधिक चमकीला दिखेगा। सुपर ब्लू मून Super Blue Moon दुर्लभ खगोलीय घटना है। कई बार तो दो दशक में सुपर ब्लू मून आता है।
इसे सुपरमून इसलिए कहा जाता है, क्योंकि चंद्रमा आकाश में काफी बड़ा दिखाई देता है क्योंकि यह पूर्ण होने पर पृथ्वी के सबसे करीब होता है। सुपरमून और ब्लू मून का संयोजन, जो कुछ दशकों में केवल कुछ ही बार होता है, आज एक बेहद असामान्य खगोलीय घटना होगी। चूँकि अगस्त में होने वाले पूर्णिमा को पारंपरिक रूप से “स्टर्जन मून” कहा जाता है, इसलिए इस सुपरमून ब्लू मून को “स्टर्जन मून” भी कहा जाता है।
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