Supra Mrs. National में जीता फर्स्ट रनर-अप का खिताब
मोहालीः कहते हैं कि अगर कुछ करने की चाह हो तो काम के साथ-साथ आप अपने पैशन को भी फॉलो कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पंजाब की लेडी ड्रग कंट्रोलर अफसर नवदीप कौर ने। उन्होंने ड्यूटी के साथ-साथ फैशन की दुनिया में भी पंजाब के साथ ही देश को पहचान दिलाई है। नवदीप ने सुप्रा मिसेज नेशनल 2025 कांटेस्ट में भारत को रिप्रजेंट करते हुए फर्स्ट रनर-अप का खिताब अपने नाम किया है।
नवदीप कौर ने बताया कि यह मुकाबला काफी चुनौतीपूर्ण था। इसमें पूरी दुनिया से 25 देशों के प्रतियोगी शामिल हुए थे, जबकि फाइनल में 12 देशों के प्रतियोगी पहुंचे। इसमें पहले नंबर पर रूस, दूसरे नंबर पर भारत और तीसरे नंबर पर उराल रहा। आज उन्हें खुशी है कि वह इस स्तर पर पहुंची है।
उन्होंने बताया कि उनका यह सफर संघर्षपूर्ण और चुनौतीपूर्ण रहा है। एक समय ऐसा भी आया जब वह पूरी तरह बेड पर आ गई थीं। रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें 6 महीने तक बेड पर रहना पड़ा। डॉक्टरों का कहना था कि शायद वह दोबारा चल भी न सकें, लेकिन उन्होंने खुद को पाजीटिव बनाए रखा, दोगुनी ताकत के साथ खुद को फिर से तैयार किया और आज पूरी तरह ठीक है।
दरअसल, नवदीप कौर एक फौजी परिवार से आती हैं। उनके पिता भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं, जबकि माता शिक्षिका हैं। चुनौतियों से लड़ने का जज्बा उन्हें विरासत में मिला है। बचपन में पठानकोट, केरल, राजस्थान, मेघालय और गुजरात के अलावा भारत के विभिन्न हिस्सों में वायुसेना स्टेशनों पर उनका परिवार रहा। इसी दौरान उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। उनका पहला बड़ा अवॉर्ड बाल चित्र रत्न अवॉर्ड रहा, जो भारत सरकार की ओर से दिया गया। इसके बाद उन्होंने यूनेस्को और ओलंपियाड की परीक्षाएं भी सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कीं। वह मात्र 6 वर्ष की उम्र में ऑल इंडिया रेडियो की सबसे कम उम्र की रेडियो जॉकी भी बनी थीं।
नवदीप ने बताया कि जब कॉलेज जाने का समय आया, तो परिवार ने उन्हें पंजाब भेजा, ताकि वह अपने मूल स्थान की संस्कृति को समझ सकें। माता-पिता के शब्द आज भी उनके साथ हैं- “अगर तुम अकेले पंजाब पहुंच गईं, तो जीवन में जरूर सफल होगी”। यहीं उन्होंने सीखा कि खुद पर विश्वास हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। कॉलेज के अंतिम वर्ष में उन्होंने पंजाब पब्लिक सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण की और पंजाब सरकार के ड्रग्स विभाग में ड्रग्स कंट्रोल अफसर के रूप में सबसे कम उम्र की अधिकारियों में शामिल हुईं।
नवदीप बताती हैं कि नौकरी के साथ-साथ उन्होंने अपने एक्टिंग के जुनून को भी जिंदा रखा। एक वर्ष के ब्रेक में वह मुंबई गईं और टेलीविजन इंडस्ट्री में किस्मत आजमाई। इस दौरान उन्होंने कलर्स टीवी और सोनी टीवी जैसे चैनलों के साथ काम किया। इसके बाद अपने बचपन और माता-पिता के सपने एक जिम्मेदार अधिकारी बनने को पूरा करने के लिए वह दोबारा सेवा में लौट आईं। उन्होंने अपने कर्तव्यों को पूरे समर्पण के साथ निभाया और पंजाब सरकार से चार बार उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित हुईं।
बच्चे के लिए उदाहरण सेट करना मेरा लक्ष्यः नवदीप
नवदीप बताती हैं कि उनका निजी जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव आए। पति से तलाक हो गया। मगर, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह एक सिंगल मदर हैं और मानती हैं कि यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। उनका कहना है कि जब जीवन में मुसीबतें आती हैं, तो इंसान और ज्यादा मजबूती से खड़ा होता है। उन्हें लगता हैं कि अपने बच्चे के लिए ऐसा उदाहरण बनना है कि कल को वह गर्व से कह सके- “मुझे अपनी मां जैसा बनना है”। इसी सोच के साथ उन्होंने अपने बच्चे के लिए एक मिसाल कायम करने का फैसला किया।