अमृतसरः धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन की शिकायत पर चीफ खालसा दीवान के अध्यक्ष इंदरबीर सिंह निज्जर समेत कई सदस्य आज अकाल तख्त साहिब में पेश हुए। दरअसल, उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी कि कई सदस्य सिख आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और गैर-अमृतधारी होते हुए भी चीफ खालसा दीवान के पदों पर आसीन हैं। इस संबंध में अकाल तख्त साहिब ने उन्हें 22 जुलाई तक पेश होने का समय दिया था। आज इंदरबीर सिंह निज्जर समेत 20 से अधिक सदस्य अकाल तख्त साहिब पहुंचे।
अध्यक्ष इंदरबीर सिंह ने कहा, “हम आज जत्थेदार साहिब के समक्ष पेश हुए हैं। उन्होंने पहले जो बातें कही थीं, वही दोहराई गईं कि चीफ खालसा दीवान के सभी सदस्य अमृतधारी होने चाहिए। अगर किसी ने अनजाने में कोई उल्लंघन किया है, तो वह माफी मांगकर दोबारा अमृत छक सकता है।” अकाल तख्त ने 41 दिनों का समय दिया है, जो 1 सितंबर को समाप्त होगा। इस अवधि के दौरान, जिस भी सदस्य ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है, वह अपनी गलती सुधारकर अमृत संजम में वापस आ सकता है।
उन्होंने कहा, “जीवन में गलतियां सबसे होती हैं, लेकिन हमने गलती को स्वीकार करना और उसे सुधारना सीख लिया है।” उन्होंने यह भी बताया कि चंडीगढ़, लुधियाना, दिल्ली व अन्य क्षेत्रों से चीफ खालसा दीवान के कई सदस्य पहुंचे थे। सभी ने अकाल तख्त साहिब के आदेशों को स्वीकार कर लिया है। अंत में इंदरबीर सिंह ने कहा, “हम जत्थेदार साहिब के आदेशों के अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे। जो सदस्य आदेश के अनुरूप नहीं हैं, उन्हें अमृत संगम में आकर अपने धार्मिक अधिकारों को बनाए रखना चाहिए।” इस पूरे मामले में, अकाल तख्त साहिब द्वारा दिया गया समय 1 सितंबर को समाप्त हो रहा है, तब तक चीफ खालसा दीवान के सभी सदस्यों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
इस दौरान, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने घोषणा की कि चीफ खालसा दीवान के जिन 31 सदस्यों ने अभी तक अमृत नहीं छका, उन्हें 1 सितंबर तक अमृत छकना होगा। इनकार करने की स्थिति में उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। अकाल तख्त की ओर से 5 प्यारे अमृत छकाने जाएंगे। दरबार साहिब को मिल रही धमकियों को लेकर जत्थेदार ने कहा कि सरकार धमकियां देने वालों को पकड़ने में विफल रही है। सरकार चाहती तो चंद घंटों में दोषियों को पकड़ सकती थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह किसी और की साजिश भी हो सकती है, जिसकी जांच जरूरी है।
अकाल तख्त के जत्थेदार ने सरकार से सिख शताब्दी समारोह में और भी बड़ी भूमिका निभाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के साथ सरकार के सहयोग की भी बात कही। पटना साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी के शताब्दी समारोह का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को भी ऐसा ही सहयोग करना चाहिए। ज्ञानी कुलदीप सिंह ने मुख्यमंत्री को संदेश दिया कि अगर सिख धर्म के सिद्धांतों पर चलना है, तो पहले सच्चे सिख बनें और अमृत छकें। “जब तक आप इसे स्वीकार नहीं करते, आपको दूसरों को सिखाने का कोई अधिकार नहीं है।”