मुंबई: साइबर ठगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। आए दिन ऐसे कई मामले सामने आते हैं यहां लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं हालांकि सरकार इसको लेकर सख्त है फिर भी ऐसे मामले थम नहीं रहे। अब एक ऐसी ही ठगी का शिकार एयर इंडिया का पायलट हो गया है। उस पायलट को साइबर ठगों ने बहुत ही चालाकी से लूटा है। उसके साथ 3.16 करोड़ रुपये की ठगी हो गई है।
आपको बता दें कि पायलट एयर इंडिया में सीनियर पद पर कार्यरत है। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद साइबर थाने में भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के अंतर्गत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। वहीं पुलिस इस मामले की जांच कर रही है लेकिन उनको क्या पता था पैसा कमाने की जगह वो पैसा गंवा देंगे।
3.16 करोड़ रुपये कोई आम नहीं बहुत बड़ी रकम है। 56 साल के इस पायलट को ठगों ने ऐसे झंझाल में फंसाया कि उन्होंने अपने पैसे ही गंवा दिए। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी है। सामने आई जानकारी की मानें तो यह पूरा घटनाक्रम उनके साथ इसी साल मई में शुरु हुआ। एयर इंडिया में तैनात 56 साल के पायलट ने शेयर बाजार में निवेश से जुड़े कुछ वीडियो यूट्यूब पर देखे।
इन वीडियो के जरिए उन्हें एक व्हाट्सएप्प नंबर भी मिला। उन्होंने इस नंबर पर संपर्क किया। इसके बाद उनके पास एक महिला की कॉल आई। उसने खुद को एक सहायक सलाहकार बताते हुए कंपनी में कार्यरत बताया। महिला ने उनसे कहा कि वो एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में कार्यरत है। इसके बाद वो पायलट से बात करने लग गई ।
उसकी बातों पर यकीन होने के बाद पीड़ित पायलट एक व्हाट्सएप्प ग्रूप में जुड़ गए। उस ग्रूप में लगातार शेयर ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स दिए जाने लगे। धीरे-धीरे उस महिला ने पायलट को एक एप्प डाउनलॉड करने के लिए कहा। उन्होंने झिझकते हुए ही उसकी बात मानकर वैसा कर लिया।
इसके बाद महिला की सलाह पर अलग-अलग शेयरों पर पैसा लगाना शुरु कर दिया। इस साइबर ठगी का जाल इतनी चतुराई से बना कि कि पायलट को लगे कि उनकी हर इनवेस्टमेंट से बड़ा मुनाफा हो रहा है। महिला ने उन्हें ऐसे बैंक अकाउंट नंबर भेजे जिसमें वह लगातार पैसे ट्रांसफर करते रहे।
11 जुलाई तक पायलट ने कुल 3.16 करड़ रुपये साइबर ठगों के बताए हुए बैंकों में ट्रांसफर कर दिए। एक दिन पायलट की पत्नी ने भी ऐप डाउनलोड किया और देखा कि उसके पति के नाम पर 15.82 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया जा रहा है वहीं खुद उसके अकाउंट में 6.73 करोड़ का फायदा दिखाया गया।
जब उन्होंने इस रकम को निकालने की कोशिश की तो ऐप में एक कॉल का ऑप्शन आया। एक शख्स ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताते हुए कहा कि रकम निकालने के लिए 10 फीसदी टैक्स देना होगा। टैक्स की रकम उन्हें एडवांस में देनी पड़ेगी। इस पर पायलट को शक हुआ कि कहीं वह किसी ठगी का शिकार तो नहीं हो गए। संदेह होने पर उन्होंने तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई।
19 जुलाई को पश्चिम क्षेत्र साइबर थाना भी गए। वहां उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। फिलहाल साइबर पुलिस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।