घरों और फसलों पर बिछी रेत की मोटी चादर
पठानकोटः रावी नदी ने पठानकोट जिले के भोआ विधानसभा क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। इलाके के कई गांव जलमग्न हो गए, जिससे लोगों के खेत, घर और घरेलू सामान पूरी तरह से नष्ट हो गए। पानी उतर गया है, लेकिन अपने पीछे तबाही के कई निशान छोड़ गया है। पठानकोट जिले के ताश गांव में भी तबाही के ऐसे ही निशान देखने को मिले। पानी उतरने पर एक परिवार अपने घर लौटा, लेकिन उसे अपने घर का कोई पता नहीं चला।
बच्चे, बूढ़े और जवान, रेत में अपने घर के निशान ढूंढ रहे हैं। वे हाथों से रेत खोदकर अपना बचा हुआ सामान ढूंढ रहे हैं। मलबे और रेत ने रावी नदी के किनारे बने खेतों में बोई धान की फसल को पूरी तरह ढक दिया है। रावी नदी के किनारे बसा गांव ताश पानी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यह घर पूरी तरह से तबाह हो गया है, जिसके कारण लोग रेत में अपना घर ढूंढने की मशक्कत कर रहे हैं। घरों से जो सामान मिला है उसमें भी रेत भर गई है। फ्रिज, कूलर और कपड़े धोने वाली मशीन सभी में रेत भर गई है।
प्रभावित परिवारों ने बताया कि वे कई सालों से गांव में खेती-बाड़ी कर रहे हैं, लेकिन इस बाढ़ ने उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया है। उनका पूरा घर बाढ़ के पानी में बह गया। उन्हें घर का मलबा भी नहीं मिला। उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई। गांव के कई और घर भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। परिवार अभी भी धूल भरे जंगल में तिरपाल के नीचे अपना समय बिता रहा है और अब उन्हें अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने की मशक्कत कर रहा है। उन्होंने सरकार और सामाजिक संगठनों से मदद की गुहार लगाई है।