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SBI के बाद अब इस बैंक ने लगाए Anil Ambani पर गंभीर आरोप

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नई दिल्ली: SBI के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी बताया है। एक नियामक फाइलिंग में उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी है। इतना ही नहीं इसमें 2016 में कथित पैसों की हेराफेरी का हवाला देते हुए पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम शामिल हुआ है।

बैंक ऑफ इंडिया का यह कदम भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा इस साल की शुरुआत में उठाए गए इसी तरह के कदम के बाद उठाया गया है। रिलायंस कम्युनिकेशन के द्वारा 23 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज को जारी किए 8 अगस्त के लेटर में बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसने कंपनी, अनिल अंबानी(कंपनी के प्रमोटर और पूर्व निदेशक) और मंजरी अशोक कक्कड़ (कंपनी के पूर्व निदेशक) के लोन अकाउंट को फ्रॉड के तौर पर रखने का फैसला किया है।

बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त 2016 में RCOM को कैपिटल और परिचालन व्यय के साथ देनदारियों के भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये का लोन अप्रूव किया था। बैंक ने कहा कि अक्टूबर 2016 में दी गई आधी राशि को स्वीकृत शर्तों का उल्लंघन करते हुए एफडी में निवेश कर दिया गया था। यह लोन 30 जून 2017 को 724.78 करोड़ रुपये की बकाया राशि के साथ NPA हो गया है। बैंक ने लिखा है कि – बैंक बकाया राशि के भुगतान के लिए उधारकर्ताओं और गारंटरों से भी संपर्क कर रहा है हालांकि वो बकाया राशि भुगतान करने के लिए विफल रहे हैं और इसमें उन्होंने लापरवाही भी बरती है।

बैंक ऑफ इंडिया ने भेजा रिलायंस टेलीमकॉम लिमिटेड को नोटिस

रिलायंस कम्युनिकेशन की सहायक कंपनी रिलांयस टेलीकॉम लिमिटेड को भी बैंक ऑफ इंडिया की ओर से एक नोटिस मिला है। इस नोटिस में उसके और पूर्व निदेशक ग्रेस थॉमस और बाकी व्यक्तियों के लोन अकाउंट्स धोखाधड़ी के तौर पर दिख रहे हैं।

अनिल अंबानी के घर पर पड़ी थी सीबीआई की रेड

गौरतलब है कि यह कार्रवाई एसबीआई के द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो में दर्ज करवाई गई शिकायत के बाद में हुई है। इसमें आरकॉम और अंबानी के द्वारा की गई हेराफेरी के कारण 2,929.05 करोड़ रुपये के नुकसान का भी आरोप लगाया है। शिकायत के बाद सीबीआई ने शनिवार को आरकॉम से जुड़े परिसरों और अंबानी के घरों पर भी छापेमारी की है।

अंबानी के भी प्रवक्ता ने इन सभी आरोपों को झूठ बताया दिया है। बयान में यह बोला गया है कि एसबीआई के द्वारा दर्ज की गई शिकायत 10 साल से भी ज्यादा पुराने मामलों से जुड़ी है। उस समय अंबानी कंपनी के गैर कार्यकारी निदेशक थे और रोजमर्रा के प्रबंधन में उनकी कोई भी भूमिका नहीं थी।

 

 

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