नई दिल्ली: अयोध्या में पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा आज ध्वजारोहण किया गया है। इसके साथ ही 9 नवंबर 2019, 5 अगस्त 2020 तथा 22 जनवरी 2024 के बाद अब 25 नवंबर की तिथि भी लोगों के लिए बेहद खास बन गई है। इस मौके पर पीएम ने हाथ जोड़कर भगवान राम को प्रणाम किया है। वैदिक मंत्रोच्चार और अभिजीत मुहूर्त में हुए इस ध्वजारोहण में पूरी रामनगरी को उत्सव के रंग में रंग दिया है। इस मौके पर पीएम ने कहा कि सदियों के बाद घाव भर रहा है।
संतों की साधना हुई सच
पीएम ने कहा कि – ‘आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृति चेतना के एक और उत्कर्ष बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह मौका अद्वितीय और अलौकिक है। ये धर्म ध्वजा सिर्फ एक ध्वज ही नहीं बल्कि ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। ये ध्वज संघर्ष से सृजन तक की गाथा है। सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरुप है। संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है’।
ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा
आगे उन्होंने कहा कि – ‘सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हुआ है। आज उस यज्ञ को पूर्णाहूति है जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्जवलित रही। यह यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं। एक पल भी विश्वास नहीं टूटा। ये धर्म ध्वजा सिर्फ एक ध्वजा नहीं ये भारतीय सभ्यता के पूर्नजागरण का ध्वज है। इसका भगवान रंग, इस पर रची हुई सूर्यवंशी की ख्याति वर्णित ओम शब्द और वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को प्रतिरुपित करता है। ये ध्वज संकल्प है ये ध्वज सफलता है। ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है। ये ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणिति है’।
ऐसा समाज बनाए जहां गरीबी न हो
उन्होंने कहा कि – ‘हम ऐसा समाज बनाएं जहां पर गरीबी न हो कोई दुखी या लाचार न हो जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं आ पाते और दूर से ही मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है। ये धर्म ध्वज भी इस मंदिर के ध्येय का प्रतीक है। ये ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन करवाएगा। युगों-युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं के मानव मात्र तक पहुंचाएगा। संपूर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अद्वितीय अवसर की शुभकामनाएं देता हूं’।