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Jalandhar के गुरसेवक के बाद अब Punjab का समरजीत सिंह रूस आर्मी में फंसा

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जालंधर, ENS: रूस यूक्रेन का युद्ध अभी भी जारी है। वहीं रूस में भारतीयों को आर्मी में भर्ती करके लड़ने के लिए फ्रंट लाइन पर भेजे जाने का सिलसिला लगातार जारी है। जालंधर का गुरसेवक टूरिस्ट वीजा पर रूस गया था, जहां उसे महिला आर्मी ने धोखे से आर्मी में उसे भर्ती करवा दिया। जिसके बाद उसने वीडियो जारी करके बताया कि उसे अब लड़ने के लिए फ्रंट लाइन पर भेजा जा रहा है। उसे भारत सरकार से वापिस लाने के लिए गुहार भी लगाई है। अभी इस मामले को कुछ ही दिन हुए है। वहीं अब लुधियाना का 21 साल का युवक समरजीत सिंह को आर्मी में धोखे से भर्ती कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि वह लगभग 2 महीने पहले पढ़ाई और काम के उद्देश्य से रूस गया था, अब युद्ध के मैदान में फंस गया है।

परिवार का आरोप है कि उनके बेटे से झूठ बोलकर उसे रूसी सेना में भर्ती कराकर युद्ध में भेजा गया। समरजीत के पिता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार से अपील की है कि उनके बेटे की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें समरजीत सिंह सहित पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के कई युवक दिखाई दे रहे हैं। ये सभी रूसी सेना की वर्दी पहने हुए दिख रहे हैं और भारत सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला जाए। वीडियो में युवाओं ने कहा कि उन्हें धोखे से रूस बुलाया गया और युद्ध में लगा दिया गया है।

खाना और पानी भी आवश्यक मात्रा में नहीं दिया जा रहा और उनकी हालत बहुत खराब है। समरजीत सिंह के पिता चरणजीत सिंह, डाबा गांव (लुधियाना) के मोहल्ला अमरपुरी में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं। वह बताते हैं कि उनका बेटा जुलाई में पढ़ाई और काम के लिए मास्को गया था। 12वीं के बाद बेटे ने एक्स-रे टेक्नीशियन में डिप्लोमा किया और लुधियाना के निजी अस्पतालों में भी काम किया। वह आगे की पढ़ाई करने और बेहतर नौकरी खोजने के लिए रूस गया था, पर वहां उसे झूठ बोलकर फ़ौज में भर्ती कर लिया गया।

पिता चरणजीत सिंह ने कहा कि हम पिछले हफ्ते से उससे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उसका फोन लगातार बंद है। घर में शोक का माहौल है। पिता ने अपने बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजने के लिए दस लाख रुपये का कर्ज़ लिया था और उसकी पढ़ाई के लिए जमीन भी गिरवी रख दी थी। पिता ने आगे कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि हमारे पुत्र को किसी भी कीमत पर घर वापिस लाया जाए।

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