अमृतसरः शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता विरसा सिंह वल्टोहा को बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से तनखैया करार दिया गया था, जिसके बाद उन्हें ये कहते हुए सजा दी गई कि वे धार्मिक सजा पूरी करने के बाद शिरोमणि अकाली दल में दोबारा दाखिल हो सकते हैं। जिसके बाद वल्टोहा ने श्री हरिमंदर साहिब के श्री गुरु रामदास लंगर हाल में बर्तन साफ करने की सेवा की थी। एक घंटा बर्तन साफ करने के साथ-साथ वल्टोहा ने जोड़ों की सेवा भी की।
अब अपनी धार्मिक सजा पूरी करने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा आज श्री अकाल तख्त साहिब में नतमस्तक हुए। इस मौके पर उन्होंने सतगुरुओं का आभार जताया और गुरु हरगोबिंद सिंह जी और गुरु रामदास जी का धन्यवाद किया और कहा कि सतगुरुओं की दया और आशीर्वाद से उन पर लगाई गई धार्मिक सजा गुरमत के अनुसार पूरी हो गई है।
वल्टोहा ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, कड़ाह प्रसाद परोसा गया, गोलक में पैसे चढ़ाए गए और सैलरी देने के बाद माफी मांगने के लिए अरदास की गई। उन्होंने कहा कि पंज प्यारों की अरदास और श्री अकाल तख्त साहिब से मिले लिखे हुए लेटर ने पिछली गलतियों को माफ कर दिया है, जिसे वह सतगुरु का बड़ा आशीर्वाद मानते हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि 8 तारीख से मिले आदेशों के बाद से वह किसी भी तरह की पॉलिटिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं हुए हैं।
अभी शहीदी पखवाड़ा चल रहा है और शहादतों से जुड़ी घटनाओं को देखते हुए वह किसी भी तरह का पॉलिटिकल कमेंट नहीं करेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि वह 28 दिसंबर के बाद ही पॉलिटिकल एक्टिविटी फिर से शुरू करेंगे। वल्टोहा ने अरदास करते हुए कहा कि सतगुरु हमेशा आने वाली जिंदगी में गुरमत के हिसाब से जीने की ताकत, हिम्मत और शक्ति देते हैं और आगे भी देते रहें।ो