चंडीगढ़ः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा चूक के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार ने पंजाब मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संत प्रकाश को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जो अखिल भारतीय सेवा (डीसीआरबी) के साथ पठित अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 की धारा 8, नियम, 1958, नियम 6(1) और इसके उपनियम (बी) (ii) के तहत जांच करेंगे। दोषी अधिकारियों के पक्ष को भी सुना जाएगा। जिन तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का फैसला लिया गया है।
उनमें पूर्व डीजीपी एस चट्टोपाध्याय, तत्कालीन फरीदकोट के डीआइजी इंद्रबीर सिंह और तत्कालीन फिरोजपुर एसएसपी हरमबीर सिंह हंसराज्य अधिकार पैनल के प्रमुख को पूर्व डीजीपी एस चट्टोपाध्याय, तत्कालीन फरीदकोट डीआइजी इंद्रबीर सिंह और तत्कालीन फिरोजपुर एसएसपी हरमबीर सिंह हंस के शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा उल्लंघन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जांच समिति की ओर से दोषी ठहराए जाने के लगभग दो साल बाद सरकार ने तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। ध्यान रहे कि 5 जनवरी, 2022 को बठिंडा हवाई अड्डे से फिरोजपुर तक सड़क मार्ग से यात्रा करते समय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर आधे घंटे तक फंस गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था।
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