वरिष्ठ पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. राजेश जंगा और टीम ने 470 गौवंश का किया मुफ्त टीकाकरण
ऊना/सुशील पंडित: गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर जहां देश भर में अपने-अपने गुरुओं को श्रद्धांजलि देने का दौर चल रहा था, वहीं उपमंडल बंगाणा में एक अनूठी सेवा देखने को मिली। उपमंडल बंगाणा के वरिष्ठ पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. राजेश कुमार जंगा ने अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर 470 से अधिक गौवंश को न सिर्फ गलघोंटू कृमिनाशक एवं अन्य आवश्यक टीकों से लाभान्वित किया, बल्कि इनके समुचित पोषण और स्वास्थ्य देखभाल के लिए भी अनेक कदम उठाए। डॉ. राजेश जंगा के नेतृत्व में यह अभियान कौ सेंचुरी थानाखास, कामधेनु गौशाला थानाखास एवं डेरा बाबा जोगी पंगा में संचालित किया गया।
इस दौरान टीम ने टीकाकरण के साथ-साथ पशुपालकों और गौसेवकों को विभिन्न पशु रोगों, उनके लक्षणों और समय पर इलाज के प्रति जागरूक भी किया। गर्मी और मानसून के इस संक्रमणकाल में गलघोंटू, खुरपका-मुंहपका, पेट के कीड़े जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं, जिनसे बचाव के लिए यह टीकाकरण अनिवार्य होता है। वरिष्ठ पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. राजेश जंगा को उपमंडल बंगाणा में एक समर्पित गौसेवक और गौभक्त के रूप में जाना जाता है। उन्होंने न केवल चिकित्सा सेवा दी, बल्कि सेवा की भावना के साथ गुरु पूर्णिमा पर विशेष गौसेवा लंगर का भी आयोजन किया। इसमें हरे चारे के साथ खल, चोकर एवं अन्य पोषण सामग्री को विशेष रूप से तैयार किया गया और सैकड़ों गौवंश को खिलाया गया। अर्जुन सिंह ,अनीश कुमार,वरुण कुमार,सुशील चंद्र,चरण दास,रोहित कुमार,अमिता देवी, सन्दन कुमार,निखिल कुमार आदि मौजूद थे।
कौउ सेंचुरी में दो सौ से अधिक गौवंश की कर रहे नियमित देखरेख
बंगाणा की कौ सेंचुरी थानाखास में डॉ. राजेश कुमार जंगा नियमित रूप से 200 से अधिक गौवंश की निगरानी करते हैं। वहां की व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए उन्होंने कई अन्य पशु प्रेमियों और गौसेवकों को भी जोड़ा है। आज इस सेवा में सेकंडों लोग सक्रिय हैं जो स्वयंसेवक के रूप में गौशालाओं में सेवा कार्य करते हैं। उनका मानना है कि गौवंश की सेवा करना एक महान तपस्या है, और जब यह सेवा गुरु पूर्णिमा जैसे पावन दिन पर हो, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। डॉ राजेश कुमार जंगा द्वारा बंगाणा में उठाया गया यह कदम स्थानीय समुदाय में जागरूकता लाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। उन की टीम ने न केवल टीकाकरण किया बल्कि बीमारी के समय पशुओं को कैसे पहचाना जाए, प्राथमिक इलाज कैसे किया जाए, और किन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस पर विस्तृत जानकारी दी।