नॉर्थ क्वींसलैंड: ऑस्ट्रेलिया में स्काइडाइविंग के दौरान गंभीर हादसा होने से बच गया। दरअसल, जब एक अनुभवी स्काइडाइवर 15 हजार फीट ऊंचाई पर 16-वे फॉर्मेशन स्काइडाइव की तैयारी कर रहा था। इस दौरान स्काइडाइवर का रिजर्व पैराशूट उड़ान के दौरान ही खुलकर विमान की पूंछ में अटक गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे स्काइडाइवर की जान मुश्किल में फंस गई थी। हालांकि उसकी समझदारी और सही फैसले ने उसे बचा लिया। ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने इसका वीडियो जारी किया।
वीडियो में एक स्काइडाइवर का रिजर्व पैराशूट प्लेन के पिछले हिस्से में फंसता हुआ दिखता है, जबकि प्लेन लगभग 15,000 फीट (4600 मीटर) की ऊंचाई पर था। यह घटना फार नॉर्थ फ्रीफॉल क्लब की तीसरी उड़ान के दौरान हुई। उस वक्त सेसना कारवां विमान टली एयरपोर्ट से रवाना होकर 15 हजार फीट ऊंचाई पर 16-वे फॉर्मेशन स्काइडाइव की तैयारी कर रहा था। सुबह करीब 10 बजे पायलट ने प्लेन की एयरस्पीड 85 नॉट तक कम करके स्काइडाइवर्स को कूदने का संकेत दिया गया।
इसी दौरान पहला स्काइडाइवर जैसे ही विमान के रोलर डोर पर फ्लोट पोजिशन लेने पहुंचा, उसका रिजर्व पैराशूट विमान के विंग फ्लैप से टकराकर अनियंत्रित रूप से खुल गया। दरअसल, उनका प्लान था कि वे सभी 15,000 फीट की ऊंचाई से कूदने के बाद अपने पैराशूट खोलकर एक चेन बनाएंगे। यह सब एक कैमरा ऑपरेटर द्वारा फिल्माया जा रहा था। जैसे ही पहला स्काइडाइवर प्लेन से कूदा, उसका पैर फिसल गया और रिजर्व पैराशूट का तार प्लेन के विंग फ्लैप में फंस गया। इस कारण वह स्काइडाइवर हवा में लटक गया और उसकी जान पर संकट आ गया। लेकिन उसकी सूझबूझ ने उसे मौत से बचा लिया। लेकिन यहां पर दो बातें उसके पक्ष में थीं।
पहली यह कि उसके पास मुख्य पैराशूट बचा हुआ था, और दूसरी यह कि उसकी सोच इस मुश्किल स्थिति में भी सही दिशा में काम कर रही थी। उसने तुरंत अपने चाकू से रिजर्व पैराशूट के तार काट दिए और खुद को फंसे हुए पैराशूट से मुक्त कर लिया। फिर उसने अपना मुख्य पैराशूट खोला और सुरक्षित रूप से जमीन पर उतर गया। हालांकि, इस घटना से प्लेन का पिछला हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया था, और पायलट को प्लेन पर नियंत्रण बनाए रखने में मुश्किल हो रही थी। उसे इमरजेंसी कॉल (मेडे कॉल) भी करना पड़ा, लेकिन पायलट ने प्लेन को सुरक्षित रूप से लैंड कर लिया। यह वाकया यह दिखाता है कि कभी-कभी जिंदगी और मौत के बीच केवल एक पल का अंतर होता है, और सही समय पर लिया गया फैसला किसी की जान बचा सकता है।