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बंजर ज़मीन पर लहलहाई अमरूद की बगिया, 65 वर्षीय किसान अजमेर सिंह की मेहनत ने बदली तस्वीर

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एचपी शिवा परियोजना से किसान परिवार की आर्थिक स्थिति में आई मजबूती

ऊना/सुशील पंडित: कभी वह ज़मीन, जहां न गेहूं उगता था, न मक्की का दाना, आज हरियाली से लहलहा रही है। ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल के बौल गांव के 65 वर्षीय किसान अजमेर सिंह ने एचपी शिवा परियोजना की मदद से इस बंजर ज़मीन पर अमरूद की बगिया तैयार की है। उम्र को केवल आंकड़ा साबित करने वाले अजमेर ने आधुनिक तकनीकों, मेहनत और सरकारी मार्गदर्शन की मदद से सफलता की कहानी रची है।

इस सीज़न में उनकी बगिया से 22 क्विंटल से अधिक उत्पादन की उम्मीद है, जिससे उन्हें 1 लाख रुपये से ज़्यादा की आमदनी होने का अनुमान है। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत की है, बल्कि गांव के अन्य किसानों को भी फल आधारित खेती की ओर प्रेरित किया है।

1800 पौधों से की शुरुआत, वर्तमान में 450 कनाल में लगाए हैं अमरूद के पौधे

अजमेर सिंह बताते हैं कि उन्होंने करीब साढ़े 3 साल पहले एफएलडी (फ्रंट लाइन डेमो) के तहत 1,800 अमरूद के पौधे लगाकर शुरुआत की थी, जिसमें श्वेता और ललिता किस्में शामिल हैं। वर्तमान में उन्होंने लगभग 450 कनाल भूमि पर अमरूद का बगीचा लगाया है। इस सीजन में करीब 22 क्विंटल अमरूद की फसल होने की उम्मीद है। ग्राहक सीधे उनके घर से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अमरूद खरीद रहे हैं।

एचपी शिवा प्रोजेक्ट से मिली नई राह

अजमेर सिंह कहते हैं कि पहले जिस ज़मीन पर गेहूं और मक्की जैसी फसल भी नहीं होती थी और जो जंगली जानवरों से बर्बाद हो चुकी थी, वही ज़मीन आज हरियाली से ढकी है। हिमाचल सरकार और उद्यान विभाग की मदद से

एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत उन्हें पौधे, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, केंचुआ खाद, पौधों में नमी बनाए रखने के लिए पॉलिथीन, फेंसिंग और आवश्यक दवाइयाँ सब उपलब्ध कराई गईं।

सरकार की ओर से प्रशिक्षण और निरंतर मार्गदर्शन

अजमेर सिंह को हमीरपुर में उद्यान विभाग के नेरी कॉलेज से पाँच दिवसीय प्रशिक्षण मिला, जिसमें पौधों की कटिंग, बीमारियों की पहचान और उनके उपचार की जानकारी दी गई। साथ ही, उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर क्लस्टर में आकर पौधों का निरीक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

परिवार को मिला रोज़गार, सरकार का जताया आभार

अजमेर सिंह कहते हैं कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उद्यान विभाग के सहयोग से ही यह बंजर ज़मीन अमरूद की बगिया में बदली है। अब पूरा परिवार इस काम से जुड़ गया है पत्नी तृप्ता देवी, दोनों बेटे और बहुएं सब खेती में हाथ बंटा रहे हैं।

अजमेर की पत्नी तृप्ता देवी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं कि उनके परिवार के लिए यह सिर्फ खेती नहीं, घर की खुशहाली का ज़रिया है। सारा परिवार मिलकर काम कर रहा है, हमें इसकी बेहद खुशी है।

क्या कहते हैं अधिकारी

उपनिदेशक उद्यान विभाग ऊना, केके भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल सरकार की 1292 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी एचपी शिवा परियोजना प्रदेश के किसानों-बागवानों की ज़िंदगी में समृद्धि लाने का काम कर रही है। इस योजना के तहत आधुनिक तकनीकों, गुणवत्तापूर्ण पौधारोपण, वैज्ञानिक मार्गदर्शन और सरकारी सहयोग के समन्वय ने किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोज़गार के नए द्वार भी खोले हैं।

डॉ. भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2024-25 में बंगाणा विकास खंड के अंतर्गत 15 हेक्टेयर भूमि पर 17 हज़ार उच्च गुणवत्ता वाले अमरूद के पौधे लगाए गए हैं। वहीं, वर्ष 2025-26 में 50 हेक्टेयर भूमि पर अमरूद, मौसमी और माल्टा 55 हज़ार पौधे लगाने का काम किया जा रहा है।

अब इस परियोजना को पूरे जिले में विस्तार देने की योजना है। वे बताते हैं कि एचपी शिवर परियोजना में फलदार पौधे लगाने के लिए क्लस्टर की भूमि का विकास, उच्च गुणवत्ता के फलदार पौधे, कंपोजिट फेंसिंग, ड्रिप इरीगेशन का कार्य इत्यादि भी परियोजना के अंतर्गत शत प्रतिशत अनुदान पर किया जा रहा है ।

क्या कहते हैं जिलाधीश

जिलाधीश ऊना जतिन लाल का कहना है मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार जिले में एचपी शिवा परियोजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। बागवानी विभाग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को पौधारोपण से लेकर सिंचाई और मार्केटिंग तक हर स्तर पर पूरी सहायता मिल सके। हमारा प्रयास है कि इस योजना के माध्यम से न केवल किसानों की आय बढ़े, बल्कि युवाओं को बागवानी क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर बनें।

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