रियादः इन दिनों उत्तरी सऊदी अरब में स्थित ऊबड़-खाबड़ से नजर आने वाले रेगिस्तानी पहाड़ों में एक अलग सा नजारा देखने को मिला। ट्रोजेना हाइलैंड्स और तबुक क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बर्फ की चादर बिछ गई है। तबुक क्षेत्र के जबल अल-लॉज में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे क्षेत्र का तापमान माइनस में पहुंच गया है। सऊदी अरब से आने वाली बर्फबारी की तस्वीरें देखकर लोगों को यकीन नहीं हो रहा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रोजेना हाईलैंड्स में हल्की से मध्यम बारिश के साथ बर्फबारी हुई। बीर बिन हिरमास, अल-उयनाह, हलात अम्मार और शिगरी के साथ ही आस-पास के इलाकों समेत कई केंद्रों में बारिश होने की खबर है। जबाल अल-लॉज सऊदी अरब के उत्तर पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 2580 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जबाल अल-लॉज का शाब्दिक अर्थ है- बादाम का पहाड़। यहां हुई बर्फबारी ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों का ध्यान आकर्षित किया है। सऊदी अरब से नेशनल सेंटर फॉर मेटेरेलियॉजी (NCM) ने रियाद, पूर्वी प्रांत और उत्तरी सीमाओं के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी दी है।
बर्फबारी की तस्वीरों और विजुअल्स ने सोशल मीडिया पर यूजर को हैरान कर दिया है। कई लोग इसके बारे में पूछ रहे हैं कि यह असली है या नकली। वहीं, एक ने इसे पैगंबर की भविष्यवाणी से जोड़ते आखिरी दिन के करीब आने की निशानी बताया है। इसका संबंध पैगम्बर मोहम्मद की उस भविष्यवाणी से जोड़ा जा रहा है। पैगंबर मोहम्मद की इस्लामिक भविष्यवाणियों और हदीसों में यह बताया गया है कि ‘आखिरी समय में अरब प्रायद्वीप एक बार फिर हरा-भरा और नदियों से भर जाएगा।
बहुत से लोग सोच रहे हैं कि क्या बर्फबारी एक ऐसे बदलाव की शुरुआत है जो आखिरकार रेगिस्तान को हरा-भरा बना सकती है। जिससे सूखी जमीन पानी और हरियाली से भरपूर उपजाऊ इलाका बन जाएगी। रेगिस्तानी इलाकों में ज्यादा बारिश का मतलब है कि मिट्टी नमी को बनाए रखेगी, जो पेड़-पौधों के बढ़ने के लिए सबसे जरूरी है।