नागौरः झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से 12 साल के मासूम की मौत का मामला सामने आया है। बुखार होने पर परिजन उसे क्लिनिक पर लेकर गए थे, जहां इंजेक्शन लगाते ही उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद झोलाछाप डॉक्टर खुद बच्चे को परिजनों के साथ निजी हॉस्पिटल लेकर गया। इलाज के दौरान गुरुवार को मासूम की मौत होते ही आरोपी फरार हो गया। परिजन झोलाछाप को गिरफ्तार करने और कार्रवाई करने की मांग को लेकर शाम 5 बजे से धरने पर बैठ गए। परिजनों ने प्रशासन की समझाइश के बाद धरना समाप्त कर दिया है। आरोपी का मेडिकल क्लिनिक प्रशासन ने सीज कर दिया है और परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी गिरधारी चौधरी के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार महिपाल सिंह (12) को बुखार होने पर 12 दिसंबर की सुबह उसके परिजन बिरलोका गांव स्थित गोविंद मेडिकल स्टोर पर लेकर गए थे। पिता रघुवीर सिंह का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर गिरधारी चौधरी ने देखते ही इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद बेटे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ते ही आरोपी खुद परिजनों को साथ लेकर बच्चे को पहले ओसियां के एक निजी अस्पताल लेकर गया, लेकिन वहां बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और तबीयत लगातार बिगड़ती गई। इसके बाद आरोपी बच्चे को जोधपुर के श्रीराम हॉस्पिटल ले गया और वहां भर्ती करवाया। 13 दिसंबर की शाम को भी बच्चे की सेहत में सुधार नहीं होने पर उसे जोधपुर के ही उम्मेद अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान 18 दिसंबर को बच्चे ने दम तोड़ दिया।
पिता रघुवीर सिंह ने बताया कि बच्चे की मौत के बाद झोलाछाप डॉक्टर जोधपुर हॉस्पिटल से फरार हो गया। जब परिजन बच्चे का शव लेकर गांव पहुंचे, तो आरोपी का क्लिनिक बंद मिला। घटना के बाद बच्चे के परिजन उसकी बॉडी को लेकर झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक के सामने गुरुवार शाम करीब 5 बजे धरने पर बैठ गए। परिजन आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। बताया जा रहा है कि आरोपी झोलाछाप डॉक्टर बिरलोका गांव में ही गोविंद मेडिकल स्टोर के नाम से मेडिकल संचालित कर रहा था और इसी की आड़ में फर्जी तरीके से लोगों का इलाज भी करता था।
घटना की जानकारी मिलने के बाद खींवसर SDM सुनील कुमार नागौर सीओ धर्म पुनिया और खींवसर थानाधिकारी रामनारायण भंवरिया भी मौके पर पहुंचे हैं। थानाधिकारी द्वारा मौके पर ही परिजनों से लिखित शिकायत ली गई है। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वहीं परिजनों द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर प्रशासन ने सहमति देने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया है। पुलिस ने कहा कि जल्द ही आरोपी को काबू कर लिया जाएगा।