- Advertisement -
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeEntertainmentफैसिलेशन कौंसिल की बैठक में दो मामलो को सुलझाया

फैसिलेशन कौंसिल की बैठक में दो मामलो को सुलझाया

दोनों पार्टियंों के न आने से दो मामलों को किया रद

दस मामलों की सुनवाई के लिए सेवानिवृत जज के पास भेजा

बददी/सचिन बैंसल: हिमाचल प्रदेश माईक्रो स्माल इंटरप्राईजिज फैसिलेशन कौंसिल की बैठक में 144 मामले सुनवाई को आए जिसमें दो मामलो में प्रभावित पार्टी को पैसा दिलाया गया, जबकि पिछले लंबे समय से दोनों ही पार्टियां के बैठक में न आने से दो मामलों को रद किया गया। दस मामलो को अगली सुनवाई के सेवानिवृत जज को भेजे गए। शेष 130 मामलों की 5 सितंबर को होनेे वाली बैठक में सुनवाई होगी।

शिमला के डायरेक्टर आफ इंड्रस्ट्रीज उद्योग भवन में आयोजित बैठक चैयरमैन राकेश प्रजापति की अध्यक्षता में हुई। कौसिंल के स्थाई सदस्य सुरेंद्र जैन ने बताया कि जब छोटे उद्योगों में पेमेंट को लेकर आपस में झगड़ा हो जाता है। 45 दिन से अधिक के बाद भी भुगतान नहीं होता है तो उसके लिए सरकार ने फैसिलेशन कौंसिल बनाई है। जहां पर दोनों पार्टियंों को उनके लेनदेन संबंधी मामले का फैसला किया जाता है। अगर यहां पर किसी भी छोटे उद्योग का पेमेंट को लेकर कोई फैसला नहीं होता है तो ऐसे मामले को किसी रिटायर्ड जज के पास सुनवाई को भेजा जाता है।

बैठक में बद्दी की विनर निप्पो कंपनी को एक लाख 75 हजार 353 और एफी पेरेंटल गुरूग्राम को 20 लाख 83 हजार 805 रुपये का भुगतान कराया गया। उन्होंने बताया कि हिमाचल गत्ता उद्योग के श्रीराम  प्रिंट पैक, फेयर डील पेपर ,एपलाईसस बद्दी, क्रिस्टल पैकेजिंग, स्पेयर एग्रो, जीटी इंड्रस्टी बद्दी, गलोबल पैकेजिंग, आरती पैकिंग बद्दी के लाखों रुपये भुगतान न होने पर फंसे है।

लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने  बताया कि वर्तमान में माईक्रो स्माल उद्यमियों को पेमेट काफी देरी से आ रही है। ग्राहक पेमेंट का भुगतान करने में 90 से सौ दिन का समय लगा रहे है। जिससे पैमेंट का संकट बढता जा रहा है। उद्यमियों पर बैंक के ब्याज का भार बढ़ रहा है और ऊपर से बैंक लगातार ब्याज बढ़ा भी रहे है। भारत सरकार को लघु उद्योगों के लिए ब्याज की दर कम करनी चाहिए।

फार्मा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा कि फार्मा उद्योग देश के कई राज्यों को दवाई सप्लाई कर रहे है। उन्हें समय पर पेमेंट नहीं मिल रही है। जबकि प्रदेश में कोई भी दवा खरीद से पहले बजट का निर्धारण होता है उसके बाद खरीद के लिए टैंडर लगता है। लेकिन बाहरी राज्य दवा उद्यमियों के पेमेंट नहीं कर रहे है। बैठक में सहायक निदेशक संजय शर्मा, लघु उद्योग भारती से सुरेंद्र शर्मा, एचडीएमए से मनोज अग्रवाल और यूको बैंक से रमेश ठकराल उपस्थित रहे।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

- Advertisement -

You cannot copy content of this page