31 मार्च 2023 के बाद नहीं नज़र आएंगे ये ऑटो 

31 मार्च 2023 के बाद नहीं नज़र आएंगे ये ऑटो 

देहरादून: उत्तराखंड की सड़कों पर 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले ऑटो और विक्रम 4 महीने बाद नजर नहीं आएंगे। परिवहन विभाग ने  3 हजार से ज्यादा ऑटो-विक्रम को हटाने का फैसला लिया है। फैसला लेने से पहले 18 नये रूट प्लान किये गए हैं, जिनमें सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलाया जाएगा।

बता दें कि देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर समेत प्रदेश के कई इलाकों में एनजीटी बढ़ते प्रदूषण पर कई बार चिंता जता चुका है। इसको देखते हुए परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। इसकी शुरुआत राजधानी देहरादून से होने जा रही है। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रूड़की, डोईवाला और बड़ोवाला सेंटर  में 31 मार्च 2023 के बाद 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले विक्रम और ऑटो नहीं चलेंगे।

जबकि, 31 दिसंबर 2023 के बाद कोई भी विक्रम और ऑटो सड़क पर नहीं चलेगा। अब परिवहन विभाग के इस फैसले से प्रदेश के 2300 से ज्यादा ऑटो संचालक परेशान हैं। उनका कहना है कि पहले कोविड की मार रही और अब लोन का बोझ ऐसे में डीजल गाड़ियों को हटाने के फैसले से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है।

वहीं, इन गाड़ियों के बदले सीएनजी गाड़ियों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जगह देने की तैयारी है। इसके अलावा बीएस-6 मानक वाली गाड़ियों को तवज्जो दी जाएगी. इसके लिए परिवहन विभाग ने 18 रूट तय किए हैं जिसमें आईएसबीटी से लेकर कुल्हान और सहस्त्रधारा रूट भी कवर होंगे। इसी तरह काशीपुर , हरिद्वार के लिए भी नए रूट बनाये जा रहे हैं।

अब बढ़ता प्रदूषण और पुरानी गाड़ियों का लोड, दोनों ही उत्तराखंड प्रदेश परिवहन विभाग के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में अगले साल तक डीजल-ऑटो विक्रम को बाहर करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।