भविष्य ग्रीन एनर्जी का है, यह समाज के लिए भी जरूरी: डा. मिश्रा

भविष्य ग्रीन एनर्जी का है, यह समाज के लिए भी जरूरी: डा. मिश्रा

कपूरथला/चंद्रशेखर कालिया: भविष्य हरित ऊर्जा का है। यह सिर्फ बिजली या यंत्र धन के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है। जिस तरीके से ऊर्जा का इस्तेमाल हुआ है, उससे प्राकृतिक विनाश हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि सब्सिच्युएट (बदल) ऊर्जा को बढ़ावा मिले ताकि बैलेंस फिर से बन पाए। हरित ऊर्जा यानि ग्रीन एनर्जी के संदर्भ में यह विचार डा. एसके मिश्रा रजिस्ट्रार आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने व्यकत किए।वह यूनिवर्सिटी के मुख्य कैम्पस में आयोजित हरित ऊर्जा एवं बिजली प्रणाली विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के शुभारंभ सत्र को बतौर विशेष अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। आयोजन मंडल के चेयरमैन डीन पीएंडईपी प्रो (डा.) यादविदर सिंह बराड़ ने कहा कि विषय की गंभीरता एवं भविष्य तय करने में अध्यापकों का विशेष योगदान रहेगा।

यूनिवर्सिटी के कुलपति राहुल भंडारी की तरफ से आयोजन मंडल के नाम भेजे गए शुभकामना संदेश को भी पढ़ा गया। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी (स्लाइट) लोंगोवाल के प्रोफेसर डा.जे.एस ढिल्लों विशेष अतिथि रहे।एक सप्ताह तक चलने वाले इस राष्ट्रीय स्तर के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को यूनिवर्सिटी के साथ-साथ आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुजकेशन (एआइसीटीई) ने भी स्पांसर किया है! यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग विभाग की तरफ से करवाया जा रहा है!

इस कार्यक्रम में हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, बिहार एवं पंजाब के 60 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है।प्रतिभागियों में आइआइटी, एनआइटी, तकनीकी विश्वविद्यालयों एवं इंजीनियरिग कालेजों से विभिन्न रिसर्च स्कालर, फैकल्टी एवं रिसर्च मेंटर्स शामिल हैं। इसमें हरित ऊर्जा में अनुसंधान करने के लिए नए क्षेत्रों की खोज पर भी बात होगी।

डा. मिश्रा ने हरित ऊर्जा की आवश्यकता एवं समाज में इसके लाभों पर जोर दिया। उन्होंने बिजली की राष्ट्रीय नीति के साथ अंतर्निहित विषय को भी जोड़ा। डा. जेएस ढिल्लों, प्रोफेसर, स्लाइट ने अपने बिजली प्रणालियों एवं विभिन्न अनुकूलन तकनीकों का उपयोग करने में अपनी विशेषज्ञता को साझा किया। उन्होंने विद्युत शक्ति प्रणालियों के लिए अनुकूलन तकनीक के महत्व एवं भूमिका पर प्रकाश डाला।

एक सप्ताह के इस कार्यक्रम के दौरान, विशेषज्ञ ऊर्जा एवं बिजली प्रणालियों, भविष्य के अनुकूलन तकनीकों, नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों, ग्रिड एकीकरण के लिए संबंधित चुनौतियों, स्मार्ट ग्रिड, डीरेगुलेटेड पावर सिस्टम, फसल अवशेषों के दायरे से संबंधित विषयों पर बात की जाएगी।प्रोग्राम के सफल संचालन के लिए इलेक्ट्रिकल विभाग के हेड एवं डीन प्रो़फेसर यादविदर सिंह बराड़ ने विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. नवीन कुमार शर्मा, डा गगनदीप कौर, डा दीपिका भल्ला, डा. अखिल गुप्ता को बधाई दी।