राम-भरत भाई का प्रेम आज तक इतिहास में कोई दूसरा नहीं हुआ

राम-भरत भाई का प्रेम आज तक इतिहास में कोई दूसरा नहीं हुआ
श्रीराम कथा के अंतिम दिन सुनाई राम-भरत मिलन ओर वियोग की कथा 
बददी/सचिन बैंसल: हाउसिंग बोर्ड फेस 2 के सामुदायिक केन्द्र में महिला समिति द्वारा करवाई जा रही श्रीराम कथा में सैकड़ों श्रद्वालु कथा श्रवण कर अपने जीवन को निर्मल कर रहे हैं । उतर भारत के सुप्रसिद्व कथावाचक पं जगमोहन दत शास्त्राी ने कथा अंति दिवस की कथा राम वन गमन, राम केवट संवाद, राजा दशरथ का राम वियोग में शरीर त्यागना आदि विषयों पर संगीत मयी कथा का मार्मिक वर्णन किया । भरत के ननिहाल से लौट कर आने पर राम गमन के पश्चात अयोध्या वासियों के दुख की मार्मिक कथा का पं. शास्त्राी ने ऐसा सुंदर वर्णन किया कि उपस्थित सभी भक्तगण भाव विह्वल हो गए । शास्त्राी ने अपने वेद पुराण की चर्चा करते हुए बताया कि रामायण गीता ग्रंथ केवल अपने घर में रखने के लिए नहीं है, बल्कि उसका अध्ययन करें और उसमें बताए गए सदकर्मों पर चलने की प्रेरणा लें । उन्होंने बताया कि आज तक के इतिहास में ऐसा कहीं भी वर्णन नहींे मिलता है जहां दो भाई आपस में इस बात को लेकर लड़ रहे हों कि यह राज पाट तेरा है । जब श्रीराम भरत को राजपाट देने के लिए राजगद्दी पर बैठने के लिए कहते हैं तो भरत श्रीराम को वह राजगद्दी वाचिस लौटा कर उनके साथ जंगल में वनवास जाने को कहते हैं । ऐसा भाई भाई का चरित्रा आज तक कहीं दूसरा देखने को भी नहीं मिलता है । कथा समापन के उपरन्त महिला समिति द्वारा विशाल भंडारे को आयोजन किया गया जिसमें सैकडों की संख्या में रामभक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
कथा से आती है सुख, शांति और संपन्नता उन्होंने कहा कि रामकथा श्रवण से आज की पीढ़ी सुधरेगी, समाज सुधरेगा, देश सुधरेगा । शास्त्राी ने मत्स्य पुराण की चर्चा करते हुए बताया कि किन-किन माह में घर बनवाना चाहिए और किन स्थितियों में घर का निर्माण होना चाहिए । जिससे परिवार को सुख शांति और संपन्नता प्राप्त हो सके । इस अवसर हाउसिंग बोर्ड फेस 1, 2, फेस 3, ओमैक्स पार्क फेस 1 व 2 तथा बसन्ती बाग कालोनी की सैकडों महिलायें उपस्थित रहीं।