पंजाब : केंद्र से फंड लेना कोई भीख नहीं, हम अपना हक मांगते हैं: सीएम मान

पंजाब : केंद्र से फंड लेना कोई भीख नहीं, हम अपना हक मांगते हैं: सीएम मान

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वित्त मंत्री हरपाल चीमा द्वारा आम लोगों की भाषा में आम लोगों का बजट पेश करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस बजट से पंजाब निवासियों ख़ास तौर पर आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को मानक शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बराबर के अवसर हासिल होंगे।  

आज यहाँ पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में बजट पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि वित्त मंत्री ने साधारण भाषा में आम लोगों के लिए बजट पेश करते हुए समाज के हरेक वर्ग की बात की है और पंजाब निवासियों के सामने बहुत स्पष्टता के साथ आंकड़े रखे हैं। इस बजट में पेश किये आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि उनकी सरकार के पहले साल में ही राज्य की आर्थिकता पटरी पर चढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा एक साल के अंदर 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस की स्थापना, 500 से अधिक आम आदमी क्लीनिक, हरेक बिल पर 600 यूनिट मुफ़्त बिजली की सुविधा और 26,000 सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं और इस सबके बावजूद हमारी सरकार ने पंजाब पर चढ़े हुए 36,000 करोड़ रुपए का कर्ज एक साल में वापस कर दिया है।  

सदन को आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बजट हमारी पंजाब के प्रति संजीदगी, लगन और समर्पित भावना को दिखाता है, क्योंकि हमने खज़ाने का एक-एक पैसा लोगों के कल्याण पर ख़र्च करने की पूरी योजना लोगों के सामने पेश की है।’’ बजट की बहस के दौरान रचनात्मक सुझाव पेश करने के लिए मुख्यमंत्री ने सदन के सभी सदस्यों का धन्यवाद भी किया। पिछली सरकार के पूर्व वित्त मंत्री पर तंज़ कसते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘इससे पहले बजट की भाषा सादी नहीं होती थी बल्कि शेअरो-शायरी के साथ दूसरे मुल्कों का हवाला देकर लोगों को गुमराह किया जाता था। अकाली और कांग्रेस की सरकारों में डैपूटेशन पर एक ही वित्त मंत्री 9 साल बजट पेश करता रहा है और पंजाब को तबाही के किनारे ला खड़ा किया। यह कितनी हास्यास्पद बात है कि गिरगिट की तरह पार्टियाँ बदलने वाले पूर्व वित्त मंत्री अब हमें बजट के बारे में नसीहतें दे रहे हैं।’’  

बजट में शिक्षा एवं स्वास्थ्य को प्राथमिक क्षेत्र बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पहले पड़ाव में 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीब घरों के बच्चों को सिविल एवं प्रशासनिक स्तर के ऊँचे पदों के लिए तैयारी करवाई जाएगी, जिससे यह बच्चे भी अपने माँ-बाप के सपने साकार कर सकें। आम आदमी क्लीनिकों को गरीब लोगों के लिए बड़ी सुविधा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 500 से अधिक क्लीनिक स्थापित किए हैं, जहाँ से अब तक 12 लाख लोग इलाज करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट में इन दोनों क्षेत्रों के लिए बजट की विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे सेहतमंद पंजाब का सृजन किया जा सके।  

यूनिवर्सिटियों के लिए फंडों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी यूनिवर्सिटी को कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने सदन को आश्वासन देते हुए दोहराया कि विद्या कभी भी कर्जों के नीचे नहीं दबी होनी चाहिए और हम यूनिवर्सिटी की बेहतरी के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के साथ अपनी निजी और भावुक सांझ का भी सदन में जि़क्र किया।  

भाजपा द्वारा पंजाब के साथ प्यार होने के दावे की खिल्ली उड़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि भाजपा को पंजाब के साथ सचमुच ही मोहब्बत थी तो फिर केंद्रीय बजट में पंजाब का जि़क्र तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाबियों को आज भी अच्छी तरह याद है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की गणतंत्र दिवस की परेड में से पंजाब की झाँकी को बाहर निकालकर पंजाब के बहादुर योद्धाओं के बलिदानों की तौहीन की थी। उन्होंने कहा कि पंजाब को दूसरे राज्य से अपना कोयला बरास्ता श्रीलंका से होकर लाने की शर्तें थोपने वाली पार्टी पंजाब हितैषी किस तरह से हो सकती है।  

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा वाले कहते हैं कि केंद्र पंजाब को फंड देकर मदद करती है। हम केंद्र से भिक्षा नहीं मांगते बल्कि अपना हक मांगते हैं। हम जी.एस.टी. एकत्र कर केंद्र के पास जमा करवाते हैं और उसमें से अपना हिस्सा मांगते हैं, जिसे देने पर केंद्र हम पर कोई अहसान नहीं करती।’’ मुख्यमंत्री ने जी.एस.टी. को जटिल प्रक्रिया बताते हुए कहा कि यह प्रणाली तो अभी तक व्यापारियों के भी समझ नहीं आई।  

आम आदमी पार्टी की सरकारों द्वारा दिल्ली और पंजाब में आम लोगों को दी जा रही सुविधाओं पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए भगवंत मान ने कहा कि हम बुनियादी सुविधाओं से वंचित लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के हाकिम हमारी सुविधाओं को रेवडिय़ाँ बताते हैं जबकि हरेक परिवार को 15 लाख रुपए देने और हरेक साल 2 करोड़ नौकरियाँ देने का झूठा वादा किसने किया था। सिंगापुर में प्रशिक्षण के लिए प्रिंसिपल के बैंच भेजने संबंधी सवाल उठाने वालों को मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अच्छी शिक्षा और बराबर के अवसरों के साथ ही किसी परिवार की गरीबी दूर की जा सकती है और हम भी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को विश्व स्तर का प्रशिक्षण दिला रहे हैं, जिससे हमारे बच्चे मानक शिक्षा हासिल कर सकें।’’

पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अमरीका दौरा रद्द करने के किए दावे पर तंज कसते हुए भगवंत मान ने कहा कि यह कितनी हास्यास्पद बात है कि कांग्रेस की बेड़ी डुबाने वाले ही अमरीका में जाकर कांग्रेस पार्टी के उत्थान और पतन पर पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिज्ञों ने शराफ़त का मुखौटा पहनकर पंजाब को लूटा। सदन में आम आदमी पार्टी के विधायकों को नसीहत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब के लोगों ने हमें राज्य की सेवा करने का अवसर दिया है। इस अवसर को लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाए न कि लोगों पर इस्तेमाल किया जाए। हमें किसी भी कीमत पर विनम्रता का पल्ला नहीं छोडऩा चाहिए। यहाँ तक कि विरोधी पार्टियों के विधायकों की बात भी सुननी चाहिए, क्योंकि वह भी अपने हलके के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’  

महंगे विवाह समागमों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सरकार गाँवों में दुख-सुख के समागमों के लिए कम्युनिटी हॉल जैसी साझी इमारत स्थापित करने के बारे में विचार कर रही है, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े। आखिर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नीयत साफ़ हो तो मंजि़ल बहुत दूर नहीं होती। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि जल्द ही पंजाब फिर से रंगला पंजाब बनकर उभरेगा।