मानसाः सिद्धू मुसेवाला के भाई के जन्म को लेकर कुछ दिन पहले केंद्र द्वारा रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसको लेकर मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह भड़क गए थे और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए मांग की थी कि उनकी पत्नी का ट्रीटमेंट पहले सही से होने दे, उसके बाद वह सारी रिपोर्ट खुद उनकों सौंप देंगे। वहीं सोशल मीडिया पर बलकौर सिंह का बयान आने के बाद सीएम भगवंत मान ने पंजाब के मंत्रियों और स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए थे कि केंद्र द्वारा जारी पत्र को लेकर वह उनसे एक बार विचार विमर्श जरूर करें। वहीं पंजाब सरकार के हस्ताक्षेप के बाद मामले पर विराम लग गया।
सूत्रों का कहना है कि चरण कौर के बच्चे की डिलीवरी करने वाले अस्पताल के खिलाफ एक व्यक्ति ने स्वास्थ्य मंत्रालय को शिकायत भेजी थी। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामला उजागर होने के बाद पंजाब स्वास्थ्य विभाग से मामले में रिपोर्ट मांगी थी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य सचिव द्वारा बलकौर सिंह से आई.वी.एफ. को लेकर जवाब मांगने पर ऐतराज जताया था और 2 सप्ताह के अंदर मामले में जवाब देने को कहा था। सूत्र कहते हैं कि पहले स्वास्थ्य विभाग आई.वी.एफ. करने वाले अस्पताल को लेकर जांच करने वाला था परंतु मुख्यमंत्री द्वारा जताए गए ऐतराज के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले में चुप्पी साध ली है और जांच से हाथ पीछे खींच लिए हैं।
हालांकि ऐसा स्वास्थ्य विभाग में कहा जा रहा है कि चरणकौर का आई.वी.एफ. यू.के. में हुआ है क्योंकि बलकौर सिंह अपनी पत्नी चरणकौर के साथ नवम्बर 2022 में यू.के. गए थे। यू.के. में आई.वी.एफ. करवाने वाली महिला की उम्र को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। जब सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने उनसे सिर्फ एक बार पूछताछ की। उसके बाद विभाग ने कोई सवाल नहीं किया। इधर, पंजाब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामले में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। परंतु अब स्वास्थ्य विभाग आई.वी.एफ. मामले में कोई भी कदम नहीं उठाएगा। परिवार से मामले में कोई पूछताछ नहीं की जाएगी।