पंजाबः लंपी की बीमारी को लेकर सरकार का ऐलान, पशु चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां की रद्द

पंजाबः लंपी की बीमारी को लेकर सरकार का ऐलान, पशु चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां की रद्द
पंजाबः लंपी की बीमारी को लेकर सरकार का ऐलान

चंडीगढ़ः पंजाब में पशुओं की लंपी की बीमारी को लेकर हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। इस बीच राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी पशु चिकित्सा कर्मचारियों की गजेटिड छुट्टियां रद्द कर दी गई है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बैठक के बावजूद किसानों को राहत नहीं मिली है। लंपी चर्म रोग के कारण खन्ना में करीब 50 पशुओं की मौत हो चुकी है, जिससे शहर और गांव के लोगों में दहशत का माहौल है। शहर में नगर निगम और गांवों में पंचायत द्वारा लंपी पशुओं को न उठाकर इन्हें सड़क किनारे या डंपिंग साइड के पास फेंका जा रहा है। जिससे लंपी बीमारी के फैलने का खतरा और बढ़ रहा है।

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने स्वीकार किया कि पिछले 2-3 दिनों से उन्हें लगातार गौशालाओं और पशुपालकों के फोन आ रहे हैं। उनकी शिकायत है कि मरे हुए जानवरों को नहीं उठाया जा रहा है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रखंड विकास व पंचायत अधिकारी को निर्देश जारी कर मृत पशुओं को तुरंत उठाकर दिशा-निर्देश के अनुसार दफनाने के लिए कहा गया है।

बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने चेचक के टीकाकरण का अभियान शुरू किया है, लेकिन यह अभियान बेहद धीमी गति से चल रहा है। पशुओं में फैल रही बीमारी से डेयरी संचालक परेशान हैं। वे पशुओं में टीकाकरण की गति तेज करने की मांग कर रहे हैं। सरकार को वैक्सीन की उपलब्धता में तेजी लानी होगी। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक राम पाल मित्तल ने कहा कि बीमारी का प्रसार तेजी से हो रहा है। किसान बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं के साथ न रखें। साफ-सफाई का ध्यान रखें। किसानों की जागरूकता से ही पशुओं को बचाया जा सकता है। इसके अलावा किसानों को पशुओं का टीकाकरण करना चाहिए।