विवादों में घिरी पंजाब पुलिस, जिप्सी पर लगा था स्कूटर का नंबर, एसडीएम और डीएसपी ने दी सलामी

विवादों में घिरी पंजाब पुलिस, जिप्सी पर लगा था स्कूटर का नंबर, एसडीएम और डीएसपी ने दी सलामी
विवादों में घिरी पंजाब पुलिस, जिप्सी पर लगा था स्कूटर का नंबर

मुकेरियांः पंजाब पुलिस एक बार फिर विवादों में घिरती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, लोगों को नियमों पाठ पढ़ाने वाले पुलिसकर्मी खुद नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। हालांकि यह मामला आजादी दिवस वाले दिन का है। स्वतंत्रता दिवस परेड की सलामी के लिए एसडीएम व डीएसपी मुकेरिया ने जिस जिप्सी का इस्तेमाल किया था। उस पर लगी नंबर प्लेट फर्जी लगी हुई थी। यह मामला मीडिया के सामने आने पर पुलिस प्रशानन में हड़कंप-सा मच गया। बता दें कि इस जिप्सी की नंबर प्लेट की जांच की गई तो पाया गया कि जिप्सी पर लगा नंबर स्कूटर का है, जो पटियाला में आरटीए कार्यालय में एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत है। इस मामले को लेकर एसडीएम मुकेरियां और डीएसपी मुकेरियां जवाब देने से इनकार कर रहे हैं। 

जिप्सी पर बजाज चेतक स्कूटर का लगा था नंबर 

गौरतलब है कि मुकेरियां के आर्य स्कूल में प्रशासन की ओर से आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में सलामी लेने के लिए एसडीएम कंवलजीत सिंह ने जिप्सी पीबी 11-जे-0011 का इस्तेमाल किया। यह नंबर अप्रैल 1997 माडल टू-व्हीलर का है। इसकी आरसी अभी भी चल रही है। यह नंबर वर्तमान में पटियाला के आरटीओ कार्यालय में भी पंजीकृत है। सूत्रों के मुताबिक जिप्सी एक पूर्व पुलिसकर्मी की है, जिससे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लंबे समय से उधार पर लेकर परेड को सलामी दी जाती है। हालांकि प्रशासन ने कभी भी इस मुफ्त वाहन के दस्तावेजों की जांच पड़ताल नहीं की। आरटीओ पटियाला बबन दीप सिंह ने बताया कि पीबी 11 जे-0011 नंबर बजाज चेतक स्कूटर का है, जो सतविंदर सिंह के नाम पर पटियाला में पंजीकृत है।

जिप्सी में परेड कर रहे एसडीएम को ही नहीं गाड़ी की जानकारी

एसडीएम मुकेरियां कंवलजीत सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह जिप्सी किसकी है। जब प्रशासन के फर्जी नंबर प्लेट वाली जिप्सी का इस्तेमाल किए के बारे पूछा तो उन्होंने कहा पुलिस से पूछो यह पुलिस की जिम्मेदारी है। यह कह कर उन्होंने फोन काट दिया। डीएसपी मुकेरियां कुलविंदर सिंह विर्क ने कहा कि जप्सी उनके जानकार की है और इसकी आरसी उनके नाम पर है और बिल्कुल सही है। उनको आरटीए विभाग से पता करने को कहा कि उन्होंने आनलाइन पंजीकरण क्यों नहीं करवाया है।