पंजाब : दीये बनाने वालों ने सरकार से की अपील, देखें वीडियो

पंजाब : दीये बनाने वालों ने सरकार से की अपील, देखें वीडियो

श्री आनंदपुर साहिब : दिवाली का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। अगर सिख धर्म की बात करें तो सिखों के छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने अपने साथ 52 राजाओं को ग्वालियर के किले से रिहा कर दिया था और चले गए थे। श्री अमृतसर साहिब में पहुंचे थे। जिसके बाद भक्तों ने खुशी से दीपमाला की और देसी घी के दीपक जलाकर जश्न मनाया। वहीं अगर हिंदू धर्म की बात करें तो हिंदू धर्म के अनुसार भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण 14 साल बाद वनवास से अयोध्या लौटे थे। इसलिए अयोध्या के लोगों ने घी के दीपक जलाकर जश्न मनाया था। अगर आज की बात करें तो समय बदलने के साथ-साथ देशी घी और मिट्टी के दीपक गायब होते जा रहे है। मिट्टी के दीपकों की जगह अब चीनी बिजली चेन ने ले ली है। लोग पलायन कर रहे है। अपनी संस्कृति और एक अलग संस्कृति को अपनाते हुए इस समय हम एक ऐसे गांव में खड़े है। जहां लोग आज भी पीढ़ी-दर-पीढ़ी दीये बना रहे है। आज भी पूरा परिवार पूरी मेहनत से दीये बना रहा है।

वे कहते हैं कि समय के बदलाव के साथ, उनके व्यापार पर काफी असर पड़ रहा है। क्योंकि हमारे लोगों ने दीया छोड़ कर अपना ध्यान चाइनीज सामानों पर केंद्रित कर दिया है। उनका कहना है कि आज से 5-6 साल पहले जो बिक्री होती थी। वह आज काफी कम हो गई है। जिसके कारण कभी-कभी हम कम दाम पर भी मिट्टी का सामान बेचना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से दूर होती जा रही है और हमारी अनमोल विरासत यहां लुप्त होती जा रही है। बात करें तो अलग-अलग साइज में अलग-अलग डिजाइन के मिट्टी के दीये बनाते हैं, मेहनत बहुत ज्यादा है। लेकिन कभी-कभी उनकी मेहनत का कोई मोल नहीं होता। उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि जिस तरह हिमाचल में दीये बनाने वालों को सारी मशीनरी मुहैया करवाई जाती है। उसी तरह पंजाब सरकार भी हमें इस काम में जरूरी मशीनरी मुहैया करवाएं। ताकि हम अपने काम को बचा सकते है।