पीएम का बड़ा एक्शंनः गृहमंत्री को किया बर्खास्त

पीएम का बड़ा एक्शंनः गृहमंत्री को किया बर्खास्त

नई दिल्लीः ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपने सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन को पद से बर्खास्त कर दिया है। भारतीय मूल की सुएला के एक लेख को लेकर कुछ समय से विवाद चल रहा था जिसमें उन्होंने लंदन की पुलिस पर फिलिस्तीन समर्थक होने का आरोप लगाया था। एपी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कैबिनेट फेरबदल में सुएला को पद से बर्खास्त कर दिया है। सुएला ने अपने लेख में लंदन पुलिस पर आरोप लगाया था पुलिस फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के प्रति बहुत उदार रवैया अपना रही है।

पिछले हफ्ते शनिवार को लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में एक प्रदर्शन आयोजित किया था जिसमें पुलिस ने जिस तरह से प्रदर्शनों को रोका, उसे लेकर सुएला नाराज थीं। उन्होंने अपने एक लेख में लंदन पुलिस के फिलिस्तीन समर्थक विरोध-प्रदर्शन को दबाने के तरीकों पर हमला करते हुए ऋषि सुनक पर निशाना साधा था। आलोचकों का कहना है कि उनके लेख के कारण दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी लंदन की सड़कों पर उतरने के लिए प्रोत्साहित हुए। विरोध प्रदर्शन बढ़ता देख सुनक पर दबाव बढ़ता जा रहा था कि वो सुएला पर कार्रवाई करें और इसी बीच कैबिनेट फेरबदल में सुएला को बर्खास्त करने की खबर सामने आई है।

हाल ही में सुएला के एक और बयान से हंगामा खड़ा हो गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के शहरों में फुटपाथ पर रहने वाले लोग अपनी मर्जी से वहां रहते हैं और ये उनकी लाइफस्टाइल च्वॉइस है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर अपनी एक पोस्ट में कहा था, 'ब्रिटेन के लोग दयालु हैं। हम हमेशा उन लोगों का साथ देंगे जो सचमुच बेघर हैं। लेकिन हम अपनी सड़कों पर तंबुओं की कतारों से लोगों को कब्जा नहीं करने देंगे, जिनमें से कई लोग विदेश से आए हैं। ये लोग अपनी लाइफस्टाइल च्वॉइस के रूप में सड़कों पर रहते हैं।'

ब्रिटेन की गृह मंत्री का कहना था कि सरकार ब्रिटेन के शहरों को सैन फ्रांसिस्कों और लॉस एंजिल्स जैसा नहीं बनने दे सकती है. ब्रेवरमैन ने कहा था कि इन दोनों अमेरिकी शहरों में बेघर लोग सड़क के फुटपाथ पर रहते हैं और वहां अपराध की दर सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा था, 'जब तक हम इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाते, ब्रिटेन के शहर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स जैसे शहर बन जाएंगे, जहां कमजोर नीतियों के कारण अपराध, नशीली दवाओं के सेवन और गंदगी में बढ़ोतरी हुई है।'सोशल मीडिया पर ब्रेवरमैन की इस टिप्पणी पर काफी विवाद हुआ था। ब्रिटेन के विपक्ष ने इसकी कड़ी निंदा की थी और उनकी ही कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने उनके बयान से दूरी बना ली थी। 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह अपनी कैबिनेट सहयोगी की टिप्पणी को आपत्तिजनक मानेंगे, तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। ब्रेवरमैन ने इस साल की शुरुआत में भी एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन में शरण चाहने वाले लोगों को रवांडा भेज दिया जाना चाहिए।