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बददी में फिजियोथिरैपी के कैंप में 65 से ज्यादा रोगियों का किया ईलाज

बददी में  फिजियोथिरैपी के कैंप में 65 से ज्यादा रोगियों का किया ईलाज

खाटू श्याम सेवा समिति के पदाधिकारियों ने लगाया स्वास्थ्य हित में शिविर

बददी/ सचिन बैंसल : श्री खाटू श्याम सेवा समिति बददी द्वारा हाऊसिंग बोर्ड फेस दो के सामुदायिक केंद्र में फिजियोथैरैपी का निशुल्क शिविर का आयोजन किया गया । कैंपी में लुधियान के मशहुर फिजियोथैरेपिस्ट डा. परमजीत सिंह ने पांच दर्जन से ज्यादा रोगियों का इलाज किया। सुबह से ही शरीर के विभिन्न हिस्सों में पीडा व दर्द से ग्रसित व कराहने वाले लोगों की लंबी कतारें लग गई। डा. परमजीत सिंह ने शिविर में जोडों में दर्द, सरवाईकल, कमर में दर्द, रीड की हडडी व अन्य सभी प्रकार के दर्द का ईलाज किया। उन्होने लोगो की नसें दबाकर लोगों को राहत देने का प्रयास किया।

डा परमजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे अंदर इस प्रकार की व्याधियां इस कारण से बढ रहा है कि क्योंकि हमारा खान पान बिगड रहा है और अनिद्रा आदि से हम ग्रसित हो रहे हैं। खाने पीने में हम लापरवाह हो रहे हैं। रहन सहन का तरीका भी हमारा उचित नहीं रहा और और हम रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से उठते हैं। न तो हम सैर करते हैं न ही योगा और व्यायाम करते हैं। उन्होने बताया कि शरीर में कई तरह के विकार होते हैं और उनका इलाज करने वाले अलग अलग डॉक्टर होते हैं जिन्हें एक्सपर्ट कहते हैं। जब शरीर की हड्डियों में किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसका इलाज हड्डियों का डॉक्टर करते हैं। इसी तरह फिजियोथेरेपी करने वाले विशेषज्ञ या एक्सपर्ट को फिजियोथेरेपिस्ट (भौतिक चिकित्सक) कहते हैं। एक फिजिकल थेरेपिस्ट का काम मरीज के शरीर में आई चोट, हड्डियों की कमजोरी, टिश्यू के दर्द, अक्षमता और अन्य समस्याओं को दूर करना होता है। इसके अलावा फिजियो थेरेपी के द्वारा कंधे, गले और हिप्स के दर्द के साथ कलाई, कंधों, घुटनों या कोहनियों के दर्द से राहत प्राप्त की जा सकती है। इस प्रक्रिया में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में थेरेपी दी जाती है, जिससे शरीर की फिटनेस बढ़ाने में मदद मिलती है।बदलते लाइफस्टाइल में अस्थमा रोग भी बढ़ता जा रहा है।

अस्थमा न सिर्फ एक खतरनाक बल्कि जानलेवा बीमारी भी है। इस समस्या में फिजियोथेरेपी कारगार साबित हो सकती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अस्थमा में मरीज को अलग-अलग ब्रीदिंग एक्सरसाइज कराई जाती है, जिससे फेफड़े मजबूत हो जाएं और अस्थमा से निजात मिल सके।कमर दर्द में भी फिजियो थेरेपी कमाल का फायदा करती है। इन दिनों वर्क फ्राम होम के चलते गलत पोश्चर में बैठने से लोगों को कंधे, गर्दन और बैक पेन की समस्या हो रही है। लो बैक पेन की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। दरअसल, शरीर का सर्वाइक और लंबर प्वांइट सबसे ज्यादा मूव होता है, जिससे कमर दर्द की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में अगर फिजियो थेरेपी कराई जाए तो इस दर्द से आप छुटकारा पा सकते हैं। कमर दर्द में भी फिजियोथेरेपिस्ट अलग-अलग एक्सरसाइज के माध्यम से दर्द को ठीक करते हैं। प्रेग्नेंसी में भी फिजियो थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है। जब एक महिला इस थेरेपी को लेती है तो उसे लग-अलग एक्सरसाइज कराई जाती है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है। डिलीवरी से पहले और बाद में भी महिलाओं को फिजियोथेरेपी दी जाती है। फ्रैक्चर होने की स्थिति में भी फिजियो थेरेपी कराई जा सकती है। फ्रैक्चर में सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को फिजियोथेरेपी से कम किया जा सकता है। इसमें एक्सपर्ट एक्सरसाइज की मदद से फ्रैक्चर के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बना देते हैं। इसमें ज्वाइंट का मोबलाइजेशन किया जाता है, जिससे दर्द दूर हो जाता है। इस अवसर पर श्री खाटू श्याम सेवा समिति बददी के विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे।

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