ऊना/ सुशील पंडित : बाढ़-भूस्खलन, गैस रिसाव को लेकर अलर्ट करने के लिए 14 जून को यदि एंबुलेंस सायरन, खतरे से चेतावनी को घनघनाती घंटियां, हूटर बजाती प्रशासनिक अमले की गाड़ियां दौड़ती दिखें, तो घबराएं नहीं । ध्यान रहे, यह सचमुच की आपदा नहीं एक मॉक ड्रिल है। लेकिन आगामी मानसून सीजन को देखते हुए ऊना जिले में इस मॉक अभ्यास को बहुत गंभीरता से करने की तैयारी है।
अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल के जरिये जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं का गहन आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 14 जून शुक्रवार को राज्य मुख्यालय से बाढ़-भूस्खलन-गैस रिसाव की काल्पनिक सूचना मिलने पर जिले के प्रत्येक उपमंडल में निर्धारित स्थानों तथा संस्थानों में प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा। यह मॉक ड्रिल सुबह 9 बजे से आरंभ हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस दिन उपमंडल गगरेट के टटेहड़ा गांव (स्वां नदी के समीप), बंगाणा उपमंडल के नलूट गांव (लठियाणी-बडसर रोड़), हरोली उपमंडल के तहत राजकीय प्राइमरी एंड मिडल स्कूल जननी, पोलियां बीत, अम्ब उपमंडल के पिंडी दास आश्रम और नेत्र चिकित्सालय अम्ब और ऊना के इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड, टर्मिनल के पेखूबेला को घटना स्थल मानकर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें सेना, अर्धसैनिक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केन्द्रीय एजेंसियों के अलावा जिला एवं उपमंडलों के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लेंगे।
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