नई दिल्लीः साल 2017 के चुनाव के बाद पहली बार समाजवादी पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। लगातार 2 विधानसभा चुनाव और 1 लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद अब बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। समाजवादी पार्टी यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती हुई दिखाई दे रही है। अगर कांग्रेस की सीटें भी मिला दें तो इंडिया गठबंधन 41 सीटों पर आगे हैं जबकि 37 सीटों पर एनडीए आगे चल रहा है। रूझानों में सपा यूपी में 7 साल के बाद सबसे बड़ी पार्टी दिख रही है। इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों के अनुसार सपा अभी 34 सीटों पर आगे हैं। अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो यूपी में समाजवादी पार्टी का वर्चस्व देखने को मिल सकता है। सपा सिर्फ विधानसभा ही नहीं लोकसभा में मजबूत पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।
यूपी में सपा ने किया कमाल
दिलचस्प बात ये हैं कि ये मुलायम सिंह यादव के बाद लोकसभा चुनाव में समावजादी पार्टी का ये अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा. इंडिया गठबंधन की जीत में सपा की अहम भूमिका दिखाई दे रही है। अखिलेश यादव ने इस चुनाव में जिस तरह से जातीय समीकरणों को जोड़ा उसके आगे भारतीय जनता पार्टी का गणित ध्वस्त होते दिख रहा है. समाजवादी पार्टी बीजेपी के कई दिग्गजों पर भारी पड़ रही है।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस चुनाव में पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) नारे के साथ मैदान में थे, ऐसे में जिस तरह के रुझान आगे बढ़ हैं उससे लग रहा है कि बहुजन समाज पार्टी का वोटबैंक भी कांग्रेस और सपा के पक्ष में गया है। समाजवादी पार्टी ने अयोघ्या जैसी सीट पर भी बीजेपी सांसद लल्लू सिंह को पीछे कर दिया है. इस सीट पर भी सपा आगे चल रही है. इसके अवाला अनुप्रिया पटेल, अजय मिश्रा टेनी और संजीव बालियान जैसे नाम भी पिछड़ते हुए दिख रहा।
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