मेडिकल डिवाईस बनाने वालों के लिए लाइसेंस जरूरी

मेडिकल डिवाईस बनाने वालों के लिए लाइसेंस जरूरी

बिना लाइसेंस के 1 अक्तूबर के बाद नहीं बना पाएंगे उपकरण 

बददी/सचिन बैंसल: रोगी के उपयोग में होने वाले सभी उपकरण तैयार करने वाली कंपनियों को अब ड्रग विभाग से लाईसेंस लेना होगा। ड्रग कंट्रोलर ने इस संबंध में एचडीएमए के पदाधिकारियों और उद्योग पतियों के साथ बैठक की। 

उन्होंने बताया कि मेडिकल डिवाईस  को तैयारकरने के लिए अब ड्रग विभाग से परमिशन लेना जरूरी है।   रोगी के उपचार में सहायक थर्मा मीटर, बैड, कुर्सी, मसाज करने वाली कुर्सी, प्रैशर गैज, सथेटोस्कोप समेत दर्जनों उपकरण केटेगिरी ए और बी में डाल दिया है।

बीबीएन में ए और बी केटेगिरी में आने वाले उपकरणों की सूची उन्होंने उद्योग विभाग के उपनिदेशक संजय कंवर को उपलब्ध कराई है। उन्होंने उपविनदेशक को बताया कि जो भी इस केटेगिरी में उपकरण तैयार करते है, वे ड्रग कंट्रोलर विभाग में पंजीकरण का कर  लाईसेंस ले। एक अक्तूबर के बाद बिना लाईसेंस के कोई भी उद्योग पति उपकरण तैयार नहीं कर पाएगा। बैठक में एचडीएमए के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता, भारत उद्योग संघ के हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष चिंरजीव ठाकुर, लघु उद्योग भारती के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव कांसल, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर, सन्नी कौशल, योगराज, आरके शर्मा, ड्रग इंस्पेक्टर बंसत , अभिषेक समेत दो दर्जन से अधिक उद्योग पतियों ने भाग लिया।