- Advertisement -
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeEntertainmentहिंदुस्तान में भी वोटर को राइट टू रिकॉल का अधिकार दिया जाना...

हिंदुस्तान में भी वोटर को राइट टू रिकॉल का अधिकार दिया जाना चाहिए

चुनाव के समय किए गए वायदे पूरे न करने पर होनी चाहिए कार्यवाही

राजनीतिक खामियों को दूर करने के लिए हो रहा प्रयास- राजेंद्र धीमान

भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं बदलने के लिए प्रयासरत है समाधान फाऊंडेशन

बददी में प्रेस वार्ता में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल

बददी/सचिन बैंसल: आल इंडिया स्तर पर संचालित हो रहे समाधान मंच फाऊडेंशन ने देश की लोकतांत्रिक व संवैधानिक व्यवस्था पर सवाल उठाकर इसमें बदलाव की बात उठाई है। बददी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए समाधान मंच फाऊंडेशन के राष्ट्रीय संस्थापक राजेंद्र धीमान, संरक्षक ओ.पी.शर्मा, देवेंद्र सहगल व अरविंद शर्मा ने कहा कि देश में राजनीतिक व्यवस्था के लिए सरकारी कर्मचारियों की तरह जनप्रतिनिधियों के भी राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में भाग लेने पर रोक लगाई जानी चाहिए। क्योंकि यह देखा जाता है कि एक बार चुनाव जीतने के बाद जो व्यक्ति संवैधानिक पद पर विधायक या सांसद या मंत्री बन जाता है वो अपने मूल काम को छोडकर पार्टी के संरक्षण संर्वधन व प्रचार प्रसार में जुट जाता है। जो उसका संवैधानिक दायित्व होता है कि जनता का भला कैसा किया जाए या नीतियां कैसे बनाई जाए उससे इतर वो सिर्फ पार्टी की नीतियों को बढ़ाने और उसी के प्रति जबावदेह होकर काम करता है जबकि मतदाता से वो दूर हो जाता है।

राजेंद्र धीमान ने कहा कि विदेशों की तर्ज पर हिंदुस्तान में भी वोटर को राइट टू रिकॉल का अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि काम न करने वाले जनप्रतिनिधि को हटाया जा सके। उन्होने कहा कि देश में पार्टीलेस डेमोक्रेसी सिस्टम बनाने के लिए समाधान मंच फाउंडेशन देशव्यापी अभियान चलाएगा जिसकी शुरुआत हिमाचल पंजाब हरियाणा जम्मू कश्मीर व राजस्थान से कर दी गई है। फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने समाज में अपनी बात रखने के लिए बददी में एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें राजनीति दलों द्वारा चुनाव के समय किए गए  वायदों को अमलीजामा पहनाने के लिए टाइम बाउंड किया जाना चाहिए।

धीमान ने कहा कि अधिकांश देखा जाता है कि राजनीतिक दलों के जो वायदे होते हैं वो पूरे नहीं होते जिसको लेकर उनको कोर्ट का शपथ पत्र देना चाहिए और जो भी वायदे पूरे न हो उस पर सरकार व चुनाव आयोग कार्यवाही करे। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद उम्मीदवार जनप्रतिनिधि के तौर पर संविधानिक पद ग्रहण करता है अत: सरकारी कर्मचारियों की तरह किसी भी राजनीतिक दल के कार्यक्रम में भाग लेने पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुधारों को लागू करने में सरकार एवं राजनीति दल सहयोग नहीं करते तो समाधान मंच देश की जनता के बीच से योग्य व्यक्तियों को स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनावों में सहयोग व समर्थन देने के लिए कार्य करेगा।  इस अवसर पर उन्होंने समाधान मंच फाउंडेशन का विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

- Advertisement -

You cannot copy content of this page