एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज करवाना हुआ मंहगा

प्राइवेट वार्ड में अब इतने प्रतिशत लगेगा GST

एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज करवाना हुआ मंहगा
एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज करवाना हुआ मंहगा

नई दिल्लीः एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज कराना अब और महंगा हो गया है। अब एम्स के प्राइवेट वार्ड में पांच प्रत‍िशत जीएसटी लागू करने का आदेश जारी किया गया है। इसे बाद अब रोजाना मरीजों को 300 रुपये अत‍िरिक्त देना होगा। इससे पहले मई में ही पहले डीलक्स रूम का किराया लगभग डेढ़ से दोगुना किया गया था। 

दो महीने बाद फिर से इलाजा कराना हुआ मंहगा

दो महीने बाद एक बार फिर से डीलक्स रूम में इलाज कराना और महंगा हो गया है। ये अब रोजाना 6300 रुपये होगा। इसे लेकर एम्स प्रशासन की तरफ से आदेश जारी करते हुए उसे नोट‍िफाई कर दिया गया। अब 6000 रुपये वाले बेड पर 5 प्रत‍िशत जीएसटी के बाद इसका किराया 300 रुपये बढ़कर 6300 हो गया है।

ये है वो आदेश

इससे पहले एक जून से बढ़े हुए शुल्क पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। इससे मरीजों को पहले की तुलना में प्राइवेट वार्ड के लिए डेढ़ से दोगुना शुल्क देना पड़ रहा था। इस बढ़त को देखते हुए ही शायद एम्स प्रशासन ने 19 मई को प्राइवेट वार्ड का शुल्क बढ़ाने और 300 रुपये तक की जांचें शुल्क मुफ्त करने का आदेश जारी किया था जो लागू भी हो गया था। 

प्राइवेट वार्ड में 288 बेड की है सुविधा 

बता दें कि एम्स के प्राइवेट वार्ड में 288 बेड की सुविधा है। एम्स प्रशासन ने मई में जारी आदेश में प्राइवेट वार्ड में बी श्रेणी के कमरे का शुल्क प्रतिदिन दो हजार रुपये से बढ़कर तीन हजार रुपये और डीलक्स श्रेणी के कमरे का शुल्क प्रतिदिन तीन हजार रुपये से बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दिया था। जो अब एक बार फिर से 5 प्रत‍िशत जीएसटी जुड़कर लिया जाएगा। अब तक बी श्रेणी के प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों को 10 दिन के लिए अग्रिम शुल्क कुल 33,000 रुपये व डीलक्स श्रेणी के प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने के लिए कुल 63,000 रुपये अग्रिम शुल्क जमा करना होता था।