नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ शनिवार को आरोप पत्र दायर किया। जांच एजेंसी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत राऊज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष यह चार्जशीट दायर की है। यह इस मामले में एक पूरक आरोप पत्र है, क्योंकि एजेंसी ने पहले ऐसी लगभग पांच शिकायतें दर्ज कर चुकी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करनेवाली एजेंसी ईडी ने उन पर सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा से अपने सहयोगियों के माध्यम से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। ED ने AAP सांसद संजय सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मौद्रिक लाभ हुआ।
बता दें कि दिल्ली सरकार आबकारी नीति लागू होने में हुई गड़बड़ी होने आरोपों के बीच सितंबर 2022 में इसे वापस ले लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि दिल्ली शराब नीति में कई डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली गई है। इस पैसे का इस्तेमाल पार्टी के लिए किया गया है। ईडी का आरोप है कि संजय सिंह आबकारी नीति को बनाने में उनकी भी अहम भूमिका थी और वह रिश्वत के लेन-देन से जुड़े हुए थे। इन आरोपों को आम आदमी पार्टी खारिज करते आ रही है। ‘आप’ का कहना है कि केंद्र सरकार सियासी फायदे के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि जांच एजेंसी सबूत के आधार पर कार्रवाई करती है।
दिल्ली शराब घोटाला केस में इसी साल जनवरी में ईडी ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। इसके बाद मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का जिक्र है। वहीं, दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी, जिसमें ‘आप’ के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।