नई दिल्ली : कर्नाटक के साथ सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने बुधवार को कहा कि अगर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई गैर-जिम्मेदाराना बयान देना बंद नहीं करते, तो महाराष्ट्र को अपने बांधों से पड़ोसी राज्य को पानी मुहैया कराने के बारे में फिर से विचार करना होगा। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने कर्नाटक के साथ राज्य के सीमा विवाद पर अदालत में लंबित एक मामले के लिए कानूनी टीम के साथ समन्वय के लिए कैबिनेट सदस्यों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को नोडल मंत्री नियुक्त किया था। कर्नाटक विधानमंडल ने राज्य के रुख को दोहराते हुए कहा था कि सीमा का मुद्दा सुलझा हुआ है और पड़ोसी राज्य को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी।
कर्नाटक विधानसभा में मंगलवार को सीमा विवाद पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बोम्मई ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करने का सुझाव दिया, जिसमें अपने रुख को दोहराया जाए। देसाई ने कहा कि वह ऐसी टिप्पणियों की निंदा करते हैं और संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐसे बयान देना बोम्मई को शोभा नहीं देता। देसाई ने कहा, ‘‘ अगर कर्नाटक नहीं रुकता है, तो महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य को पानी की आपूर्ति को लेकर पुनर्विचार करना होगा।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मराठी भाषी लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता जयंत पाटिल ने भी मंगलवार को कहा था कि महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य पर ‘‘लगाम कसने” के लिए बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए।
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