चंडीगढ़ः कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर बड़ी ख़बर सामने आई है। वहीं अब पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ हाउस प्रोजेक्ट के सीएलयू मामले में नवजोत सिद्धू को बतौर गवाह अदालत में पेश करने को लेकर वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने सख्त शब्दों में जेल अधिकारियों निर्देश दिए हैं कि 21 अक्तूबर को नवजोत सिद्धू को अदालत में पेश किया जाए, ताकि मामले की जांच आगे बढ़ सके। दरअसल, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के सिद्धू के आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि सीएलयू मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर अदालत में तलब किया गया है। इसी केस की सूनवाई के दौरान सिद्धू को 21 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने को लेकर वारंट जारी किया गया है।
यह है मामला
चार साल पहले आरटीआई एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा ने गिल रोड के एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण पर सवाल खडे़ करते हुए शिकायत दी थी। शिकायत के बाद तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले की जांच डीएसपी बलविंदर सेखों को दी थी। सेखों ने रिपोर्ट तैयार की जिसे मंत्री सिद्धू के पास सबमिट कर दिया गया था। इस दौरान ही आशु व डीएसपी के बीच फोन पर बहस हुई थी। जिसका वीडियो वायरल हुआ था और सेखों को नगर निगम के पद से हटाकर कमांडो में तैनात कर दिया गया था।
बाद में बर्खास्त डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने ग्रैंड मैनर होम्स सीएलयू मामले की जांच से संबंधित उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए जनवरी 2020 में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ अदालत का रुख किया था। सेखों ने अदालत में पुलिस को सरकारी कर्मचारी को काम के दौरान धमकाने, बाधा डालने और जान से मारने की धमकियां देने का केस दायर किया था। इसकी सुनवाई चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सुमित मक्कड़ की अदालत में चल रही है। हाउसिंग प्रोजेक्ट में सीएलयू मामले के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री आशु पर डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों को धमकाने का आरोप है।